Advertisement
Advertisement
Advertisement

एमएस धोनी बोले, इस कारण मेंटल कंडीशनिंग कोच को लगातार टीम के साथ बने रहना चाहिए

नई दिल्ली, 7 मई | पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानना है कि देश के खिलाड़ी अभी भी यह मानने में संकोच करते हैं कि मानसिक बीमारी होने पर उन्हें कुछ कमजोरी है और इसीलिए एक मेंटल कंडीशनिंग

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma May 07, 2020 • 15:24 PM
MS Dhoni
MS Dhoni (IANS)
Advertisement

नई दिल्ली, 7 मई | पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानना है कि देश के खिलाड़ी अभी भी यह मानने में संकोच करते हैं कि मानसिक बीमारी होने पर उन्हें कुछ कमजोरी है और इसीलिए एक मेंटल कंडीशनिंग कोच को लगातार टीम के साथ बने रहना चाहिए। धोनी ने एमफोर द्वारा आयोजित सत्र में क्रिकेट, वॉलीबॉल, टेनिस और गोल्फ सहित विभिन्न खेलों के शीर्ष कोचों के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि भारत में यह स्वीकार करना एक बड़ा मुद्दा है कि मानसिक बीमारी से भी कुछ कमजोरी आती है। लेकिन हम इसे आमतौर पर एक मानसिक बीमारी ही कहते हैं।"

उन्होंने कहा, "वास्तव में कोई भी यह नहीं कहता है कि जब मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं तो पहले पांच से 10 गेंदें खेलने में हार्ट रेट बढ़ रही होती है। दबाव महसूस होता रहता है। मुझे थोड़ा डर लगता है, क्योंकि हर कोई ऐसा ही महसूस करता है। हालांकि कोई यह नहीं जानता है कि कैसे इसका सामना करना है।"

Trending


अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, "यह एक छोटी समस्या है। लेकिन कई बार हम इसे कोच से कहने में हिचकिचाते हैं। इसीलिए किसी भी खेल में खिलाड़ी और कोच के बीच का संबंध बहुत महत्वपूर्ण होता है।"

38 साल के धोनी ने मेंटल कंडीशनिंग कोच का महत्व बताते हुए कहा, "मेंटल कंडीशनिंग कोच वह नहीं होना चाहिए जो 15 दिनों के लिए आते हैं, क्योंकि जब आप 15 दिनों के लिए आते हैं, तो आप केवल अनुभव ही साझा कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "अगर मेंटल कंडीशनिंग कोच लगातार खिलाड़ी के साथ है तो वह समझ सकते हैं कि वे कौन से क्षेत्र हैं जो कि किसी खिलाड़ी के खेल को प्रभावित कर रहे हैं।"

इस मौके पर भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने भी अपने विचार प्रकट किए।

कोहली ने खिलाड़ी के कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से मुश्किल परिस्थितियों से निपटने पर बात करते हुए कहा, "खेलों में ही नहीं, मुझे लगता है कि मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक स्पष्टता जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।"

एमफोर पूर्व भारतीय बल्लेबाज एस बद्रीनाथ और सरवन कुमार द्वारा शुरू की गई एक गैर-लाभकारी पहल है। इसका उद्देश्य खेलों में चरम प्रदर्शन को प्राप्त करने के लिए माइंड कंडीशनिंग कार्यक्रमों की पेशकश करना है।

कोहली ने कहा, "बद्रीनाथ और एमफोर इन क्रिकेटरों की मदद कर रहे हैं, जिससे उन्हें खुद को बेहतर समझने और वहां से बाहर जाने और विभिन्न परिस्थितियों के बावजूद प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।"

धोनी बीते साल इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप के सेमीफाइनल के बाद से ही मैदान पर नहीं दिखे हैं।

आईपीएल में वह खेलने वाले थे और माना जा रहा था कि इस साल के अंत में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए उनका चयन आईपीएल में उनके प्रदर्शन पर निर्भर है, लेकिन आईपीएल को कोविड-19 के कारण अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। 
 


Cricket Scorecard

Advertisement
TAGS MS Dhoni