VIDEO : टूटे-बिखरे सिराज का हौंसला बने थे रवि शास्त्री, सिराज ने खुद किया बड़ा खुलासा
mohammed siraj opens up how head coach ravi shastri supported him after his father demise: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रवि शास्त्री ने मोहम्मद सिराज को सपोर्ट किया था।
पिछले दो-ढाई ,साल में अगर किसी खिलाड़ी की किस्मत पलटी है तो वो मोहम्मद सिराज हैं। आईपीएल 2020 के बाद से सिराज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो भारतीय पेस अटैक के एक प्रमुख तेज गेंदबाज हैं। हालांकि, जब टीम इंडिया 2020-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी तब मोहम्मद सिराज पूरी तरह से टूट चुके थे और ये वो सीरीज थी जहां से सिराज ने ये दिखाया कि वो इंटरनेशनल लेवेल पर क्या कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब सिराज को अपने पिता के देहांत की खबर मिली तो वो टूट चुके थे और हारा हुआ महसूस कर रहे थे लेकिन क्या आप जानते हैं उस वक्त सिराज को किसने संभाला था और किसने उनके अंदर कुछ कर दिखाने के ज़ज्बे को जगाया था। मोहम्मद सिराज ने खुद उस शख्स का नाम बताया है। सिराज ने बताया है कि कैसे उस वक्त हेड कोच रहे रवि शास्त्री ने उन्हें ढांढस बंधाया था और उन्हें उनके पिता के सपने को पूरा करने के लिए हिम्मत दी थी।
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28 वर्षीय सिराज ने ये खुलासा चैट शो बैकस्टेज विद बोरिया के दौरान किया। उन्होंने कहा, “जब मेरे पिताजी का निधन हुआ, तब रवि सर ने मेरा साथ दिया। वो मेरे पास आए और बोले, 'देखो मियां, तुम्हारे पापा चाहते होंगे कि तुम इस दौरे पर पांच विकेट ले लो। मैं उस समय बहुत भावुक, उदास और बिखर गया था। मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है। हम सख्त क्वारंटीन में भी थे।”
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, "मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूँ - क्या मुझे घर वापस जाना चाहिए या यहां रहना चाहिए और पिताजी के सपने को पूरा करना चाहिए। फिर मैंने सोचा कि अगर मैं वापस जाता तो मुझे वहां भी क्वारंटाइन से गुजरना पड़ता। इसलिए मैंने सोचा कि बेहतर होगा कि मैं ऑस्ट्रेलिया में ही रहूं और अपने पिता के सपने को पूरा करूं।"
Part 3:
— Boria Majumdar (@BoriaMajumdar) March 17, 2022
He bowled superbly in Australia and England. He bowls with the same energy whether it’s the first ball of the day or last. Watch @mdsirajofficial talk about his life on and off the field.#BWB @AgeasFederal @Just_My_Roots @OfficialFanatic pic.twitter.com/llta2FrMyr
ज़ाहिर है सिराज आज जहां पर भी हैं उनके पिता की दुआएं हमेशा उनके साथ हैं और ये उन दुआओं का भी असर है। वहीं, अगर रवि शास्त्री सिराज को उस समय हिम्मत और हौंसला ना देते तो शायद सिराज उस दौरे से खाली हाथ ही लौटते। ऐसे में शास्त्री के एक कोच के रूप में योगदान को भी नहीं भूलना चाहिए। वहीं, अगर सिराज के करियर की बात करें तो सिराज ने 12 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और 29.64 की औसत से कुल 36 विकेट भी लिए हैं।