इंडिया के लिए जीत चुका है वर्ल्ड कप, अब गुजरात में मज़दूरी करके पेट पाल रहा है ये क्रिकेटर
भारत में क्रिकेट को एक खेल नहीं बल्कि एक धर्म माना जाता है और क्रिकेटर्स को भगवान का दर्जा भी दिया जाता है लेकिन कई बार खिलाड़ी नाम कमाने के बाद कुछ इस तरह से गुमनाम हो जाते हैं कि अपना पेट
भारत में क्रिकेट को एक खेल नहीं बल्कि एक धर्म माना जाता है और क्रिकेटर्स को भगवान का दर्जा भी दिया जाता है लेकिन कई बार खिलाड़ी नाम कमाने के बाद कुछ इस तरह से गुमनाम हो जाते हैं कि अपना पेट पालने के लिए मज़दूरी तक भी करते हैं। आज आपको एक ऐसे ही भारतीय क्रिकेटर की कहानी हम इस आर्टिकल के ज़रिए बताने वाले हैं।
अगर आपको याद नहीं है तो बता दें कि भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने साल 2018 में पाकिस्तान को हराकर ब्लाइंड वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। इस वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान द्वारा दिए गए 307 रन के लक्ष्य का पीछा 38 ओवर में ही कर लिया था और टीम को ये वर्ल्ड कप जितवाने में एक खिलाड़ी ने अहम भूमिका निभाई थी।
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भारतीय ब्लाइंड टीम की इस यादगार जीत के लगभग तीन साल बाद अब इस टीम का एक अहम सदस्य मज़दूरी करके अपना पेट पाल रहा है। ये कहानी भारतीय ब्लाइंड क्रिकेटर नरेश तुमड़ा की है। जिनकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी तेज़ी से वायरल हो रही हैं। कई तस्वीरों में तुमड़ा अपने परिवार को पालने के लिए सब्जी बेच रहे हैं। जबकि अब एक साल बाद ये ख़बर सामने आ रही है कि तुमड़ा गुजरात में मजदूरी कर रहे हैं।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान तुमड़ा ने अपना दर्द बयां किया और कहा, 'मैं एक दिन में 250 रुपये कमाता हूं। मैं सरकार से मुझे नौकरी देने का आग्रह करता हूं ताकि मैं अपनी आजीविका कमा सकूं, मैंने मुख्यमंत्री जी से तीन बार प्रार्थना की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।'
Gujarat: Naresh Tumda, part of team that helped India win 2018 Blind Cricket World Cup, now works as a labourer in Navsari to earn livelihood
— ANI (@ANI) August 8, 2021
"I earn Rs 250 a day. Requested CM thrice but didn't get reply. I urge govt to give me job so that I can take care of my family," he said pic.twitter.com/NK4DFO6YYC
तुमड़ा की ये कहानी सुनने के बाद शायद क्रिकेट से प्यार करने वाला देश उनके लिए आवाज़ उठाना शुरू कर दे और यही हमारा मकसद भी है ताकि ये कहानी देश के हर कोने तक पहुंच सके।