चयनकर्ताओं ने आगामी श्रीलंका सीरीज के लिए उत्तर प्रदेश के ऑलराउंडर सौरभ कुमार को भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया है। श्रीलंका के इस दौरे की शुरुआत तीन मैचों की टी-20 सीरीज के साथ होगी और पहला टी-20 24 फरवरी को लखनऊ में खेला जाएगा। टी-20 सीरीज के बाद दो मैचों की टेस्ट सीरीज भी खेली जाएगी जिसमें अगर सौरभ को मौका मिला तो उनके पास अपनी प्रतिभा दिखाने का पर्याप्त मौका होगा।
सौरभ कुमार अगर अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे तो आने वाले समय में भारत को एक और रविंद्र जडेजा मिल सकता है। हालांकि, टीम इंडिया में सेलेक्शन से पहले का सफर सौरभ के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है। तो चलिए आपको इस होनहार क्रिकेटर की कहानी सुनाते हैं और क्या पता ये कहानी सुनकर आपके अंदर का क्रिकेटर भी जाग जाए और आप भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए दोबारा से उठ खड़े हों।
सौरभ कुमार का जन्म 1 मई 1993 को हुआ था और वो 28 साल के हो चुके हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के बागपत में हुआ था। ये भारतीय ऑलराउंडर भारतीय घरेलू सर्किट में उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलता है। लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि सात साल पहले 21 साल के सौरभ कुमार को अपने करियर को लेकर बड़ा फैसला लेना पड़ा था। दरअसल, सौरभ कुमार को खेल कोटे के चलते भारतीय वायुसेना में नौकरी मिल गई थी। इस दौरान उन्हें सभी भत्तों के साथ केंद्र सरकार की नौकरी मिली थी। ये सरकारी नौकरी मिलने के बावजूद उनका दिल नहीं मान रहा था क्योंकि वो क्रिकेट खेलकर भारतीय टीम में जगह बनाना चाहते थे।