Advertisement

आईपीएल फ़्रैंचाइज़ियों की नज़र अब हंड्रेड की टीमों की हिस्सेदारी नियंत्रित करने पर : रिपोर्ट

The Hundred: ईसीबी हंड्रेड टूर्नामेंट में सभी टीमों की फ़्रैंचाइज़ी की 49 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचना चाह रहा है। कई आईपीएल की फ़्रैंचाइज़ी हंड्रेड में टीम ख़रीदने की इच्छुक भी हैं लेकिन ज़्यादातर ख़रीददारों के मन में बस एक ही सवाल

Advertisement
MCC members to vote on the club’s involvement in The Hundred
MCC members to vote on the club’s involvement in The Hundred (Image Source: IANS)
IANS News
By IANS News
Jul 24, 2024 • 06:22 PM

The Hundred: ईसीबी हंड्रेड टूर्नामेंट में सभी टीमों की फ़्रैंचाइज़ी की 49 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचना चाह रहा है। कई आईपीएल की फ़्रैंचाइज़ी हंड्रेड में टीम ख़रीदने की इच्छुक भी हैं लेकिन ज़्यादातर ख़रीददारों के मन में बस एक ही सवाल है कि क्या 49 फ़ीसदी हिस्सेदारी ख़रीदना उनके लिए फ़ायदेमंद होगा? ज़्यादातर आईपीएल टीमें एक "निष्क्रिय निवेशक" बनने के पक्ष में नहीं हैं।

IANS News
By IANS News
July 24, 2024 • 06:22 PM

क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईसीबी हंड्रेड का निजीकरण करना चाहती है लेकिन एक ज्वाइंट वेंचर के तौर पर टीमों को चलाना चाहती है। ईसीबी ने अभी जो मॉडल तैयार किया है, उसके हिसाब से टीमों का 51 फ़ीसदी हिस्सा उन्हीं के पास रहेगा और 49 फ़ीसदी हिस्सा नए ख़रीददारों के पास होगा। इसके अलावा फ़िलहाल हंड्रेड की टीमों के मालिकों के पास जो 51 फ़ीसदी हिस्सेदारी रहेगी, उसे भी सितंबर में शुरू होने वाली नीलामी से पहले बेचने का विकल्प दिया जाएगा।

Trending

हालांकि कई आईपीएल फ़्रैंचाइज़ी ने 49 फ़ीसदी हिस्सेदारी वाले मामले में आपत्ति व्यक्त की है। उनका ऐसा मानना है कि इस तरह की हिस्सेदारी से यह साफ़ प्रतीत होता है कि इस डील में विश्वास की कमी है। किसी भी ज्वाइंट वेंचर के लम्बे भविष्य और सफलता के लिए विश्वास का बने रहने काफ़ी ज़रूरी है।

एक आईपीएल विजेता फ़्रैंचाइज़ी के मालिक ने कहा, "यह किसी भी ख़रीददार के लिए एक नई तरह की पेशकश है, क्योंकि ज़्यादातर लीग में हम 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ टीमों को चलाते हैं। वहां हम एक अलग तरह से टीमों को चलाते हैं लेकिन हंड्रेड मे हमें ज्वाइंट वेंचर के साथ आगे बढ़ना होगा। टीमों के वास्तविक मूल्य, उनके मालिकाना हक़ और उन्हें प्रबंधित करने की रणनीति निश्चित रूप से चर्चा का विषय होगी।"

नाम बताने से इनकार करते हुए एक अधिकारी ने कहा," सबसे पहला तथ्य यह है कि इसमें दो पार्टनर होंगे। उनमें से किसी एक के पास ज़्यादा और किसी एक के पास कम हिस्सेदारी होगी। यह तथ्य कि एक और भागीदार है, इस बात से एक बड़ा अंतर पैदा हो जाएगा। अगर किसी के पास 49 फ़ीसदी हिस्सेदारी है, तो टीम का असल प्रभारी कौन होगा? क्या आप एक शुद्ध निवेशक के रूप में इस डील में आना चाहेंगे? शायद नहीं। मुझे अभी तक इसका स्पष्ट उत्तर नहीं पता है।''

"लेकिन हमें बताया गया है कि जो निवेशक आएंगे, उनके लिए नियंत्रण और बाक़ी के मुद्दों पर बात की जा सकती है। हालांकि मुझे यह कहने में बहुत अधिक रुचि और दिलचस्पी नहीं होगी कि 'आप मेरा चेक ले लो। मैं एक निष्क्रिय निवेशक बनना चाहूंगा। टीम को वैसे ही चलने दें, जैसा चलता आ रहा है और हम जो हो सके अपना योगदान देंगे।'"

ईसीबी में बिज़नेस ऑपरेशंस के प्रमुख विक्रम बनर्जी को आईपीएल 2024 के दौरान उनकी भारत यात्रा पर निवेशकों की चिंताओं से अवगत कराया गया था, जहां उन्होंने विभिन्न फ़्रैंचाइज़ी के मालिकों से मुलाकात की थी।

विक्रम ने टीम पर नियंत्रण के संबंध में कहा, "कई लोगों के लिए यह ब्रांड का विषय है। हम उनका पक्ष समझते हैं और इसलिए हमने इसे प्रक्रिया में शामिल भी किया है। यदि आप हमारी आठों टीमों पर नज़र डालें, तो आप पाएंगे कि बाज़ार में एक विविधता है, और जब हम सितंबर में इस पेशकश के साथ बाज़ार में जाएंगे तो और भी अधिक स्पष्टता प्रदान की जाएगी। जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ेगी, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर तक विवरण तैयार हो जाएंगे, जब तक यह पूरी प्रक्रिया चलेगी तब तक हमारे समक्ष सारी चीज़ें स्पष्ट और आसान हो जाएंगी।''

अब तक एमसीसी ने घोषणा की है कि वह अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा या पूरी बिक्री करने पर विचार करेगा। यह फ़ैसला सदस्यों से बात करने के बाद लिया जाएगा, जो सितंबर के मध्य तक इस विषय पर मतदान करेंगे। सरी ओवल इनविंसिबल्स के मालिक हैं। उन्होंने कहा है कि उनकी 51 फीसदी हिस्सेदारी बनी रहेगी, वह अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचेंगे।

ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड ने विभिन्न मानदंडों को पूरा करने पर निवेशकों के पास 100 फीसदी हिस्सेदारी रखने की संभावना से इंकार नहीं किया। उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से निवेशकों के पास 100 फीसदी स्वामित्व प्राप्त करने का अवसर है। यह इस पर निर्भर करेगा कि वे वित्तीय तौर पर और टीम परिचालन में पूरी तरह से सक्षम हैं या नहीं।"

ईसीबी ने शुरू में ही स्पष्ट कर दिया था कि ज़रूरी नहीं कि सबसे ऊंची बोली लगाने वाला निवेशक ही विजेता हो। विक्रम ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पैसा महत्वपूर्ण है। बोर्ड ऐसे किसी साझेदार को हिस्सेदारी देना चाहता है जो सभी स्तरों पर खेल के विकास में सहयोग देने के इच्छुक हों।

ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड ने विभिन्न मानदंडों को पूरा करने पर निवेशकों के पास 100 फीसदी हिस्सेदारी रखने की संभावना से इंकार नहीं किया। उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से निवेशकों के पास 100 फीसदी स्वामित्व प्राप्त करने का अवसर है। यह इस पर निर्भर करेगा कि वे वित्तीय तौर पर और टीम परिचालन में पूरी तरह से सक्षम हैं या नहीं।"

Also Read: जब वर्ल्ड कप विजेता टीम को वापस लाने के लिए चार्टर फ्लाइट के पायलट ने ऑटोमेटिक लैंडिंग की

मैसूर ने इस महीने की शुरुआत में ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताया, "किसी भी ज्वाइंट वेंचर की तरह हंड्रेड में भी विरासत जैसे विषयों पर बात होगी। मौजूदा शेयरधारक समूह 100 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में हैं, और अचानक एक नए निवेशक की आमद से कई समस्याएं हो सकती हैं। यहां मामला किसी भी तरह से किसी संख्या या पैसों का नहीं है। अंततः किसी भी ज्वाइंट वेंचर में मेरे अनुभव के अनुसार यह आपसी तालमेल पर काफ़ी निर्भर करेगा। यहां सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या आप लंबे समय तक एक साथ काम कर सकते हैं।"

Advertisement

Advertisement