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माता-पिता का क्रिकेटरों पर 'सट्टेबाजी की सनक' को बढ़ावा देने का आरोप, पूछा- बीसीसीआई चुप क्यों है?

New Chandigarh: आईपीएल ने देशभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है, लेकिन इसके साथ-साथ ऑनलाइन सट्टेबाजी की एक चिंताजनक प्रवृत्ति भी उभरी है। 'तथाकथित फैंटेसी प्लेटफॉर्म' को अक्सर क्रिकेट के कुछ सबसे बड़े नाम सपोर्ट करते नजर आते

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  New Chandigarh: IPL 2025- PBKS vs RCB
New Chandigarh: IPL 2025- PBKS vs RCB (Image Source: IANS)
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By IANS News
May 30, 2025 • 01:24 PM

New Chandigarh: आईपीएल ने देशभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है, लेकिन इसके साथ-साथ ऑनलाइन सट्टेबाजी की एक चिंताजनक प्रवृत्ति भी उभरी है। 'तथाकथित फैंटेसी प्लेटफॉर्म' को अक्सर क्रिकेट के कुछ सबसे बड़े नाम सपोर्ट करते नजर आते हैं, लेकिन इसका बुरा परिणाम भी देखने को मिला है।

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May 30, 2025 • 01:24 PM

कुछ माता-पिता इसे लेकर चिंतित हैं। वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगा रहे हैं।

महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक, किशोर और वयस्क आसानी से पैसे कमाने और मशहूर हस्तियों के विज्ञापन के लालच में आकर फैंटेसी गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप का शिकार हो रहे हैं। इसका नतीजा साफ दिख रहा है: वित्तीय संकट, पढ़ाई में गिरावट और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बढ़ती परेशानियां।

55 वर्षीय दिल्ली निवासी मनीष एक पिता हैं। उन्हें जब पता चला कि उनके 16 वर्षीय बेटे ने ऑनलाइन सट्टेबाजी में 50 हजार रुपये गंवा दिए हैं, तो उसके मोबाइल फोन से ऐसी तीन फैंटेसी ऐप हटा दी। पिता का सवाल है, "हमारे क्रिकेट हीरो इतनी खतरनाक चीज का प्रचार क्यों कर रहे हैं? यह दिल तोड़ने वाला है। क्रिकेट पहले प्रेरणा और खेल भावना के बारे में था। अब यह हमारे युवाओं को लत में धकेल रहा है।"

इस मामले पर एक अन्य अभिभावक ने निराशा जताई है। उन्होंने कहा, "बीसीसीआई पैसा कमाने में व्यस्त है। उसे इस बात की परवाह नहीं कि हमारे बच्चों के साथ क्या हो रहा है। टॉप क्रिकेटर इन ऐप का प्रचार कर रहे हैं और बोर्ड उन्हें रोक नहीं रहा। इनमें से कुछ प्लेटफॉर्म प्रमुख टूर्नामेंट्स को स्पॉन्सर भी कर रहे हैं। वे चतुर हैं- वे इसे फैंटेसी स्पोर्ट्स कहते हैं, लेकिन इसमें 'असली पैसा' शामिल है और बच्चे यह सोचकर इसके आदी हो जाते हैं कि यह जल्दी से कमाई का एक तरीका है।"

हाल ही में हुए एक मैच में हिस्सा लेने वाले एक परिवार को यह देखकर हैरानी हुए कि कई दर्शक अपने फोन पर खुलेआम सट्टा लगा रहे थे। एक अभिभावक ने कहा, "हमने किशोरों को कॉल पर, स्टेडियम से लाइव बेट लगाते देखा।"

कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कभी-कभी आईपीएल जैसी लीग में अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, लेकिन अब ज्यादा बड़ा खतरा मोबाइल ऐप से है जो फैंटेसी गेमिंग की आड़ में खुलेआम काम करते हैं।

आलोचकों का तर्क है कि दुनिया की सबसे धनी और सबसे प्रभावशाली क्रिकेट संस्था बीसीसीआई को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। फिर भी बोर्ड की चुप्पी ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है, खासकर तब जब प्रमुख आईपीएल खिलाड़ी इन प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापनों में दिखाई दे रहे हैं।

कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कभी-कभी आईपीएल जैसी लीग में अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, लेकिन अब ज्यादा बड़ा खतरा मोबाइल ऐप से है जो फैंटेसी गेमिंग की आड़ में खुलेआम काम करते हैं।

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Article Source: IANS

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