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टीम जानती है मैं काम का हूं और यही बात मायने रखती है : शंकर

नई दिल्ली, 16 मई - हरफनमौला खिलाड़ी विजय शंकर ने अपने सामने नंबर-4 बल्लेबाजी क्रम को लेकर बहस को उठते हुए देखा है। कई पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट पंडित मानते हैं कि इस क्रम के लिए युवा ऋषभ पंत और अनुभवी

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Vijay Shankar
Vijay Shankar (Image - Google Search)
Cricketnmore Editorial
By Cricketnmore Editorial
May 16, 2019 • 05:08 AM

उन्होंने कहा, "लेकिन, दूसरी तरफ इन सभी चीजों ने मुझे सिखाया कि इस तरह की स्थिति को कैसे संभालना है और किस तरह से बाहर आना है। उस वाकये ने मुझे बताया कि एक दिन खराब होने का मतलब यह नहीं है कि विश्व का अंत हो गया। यह सिर्फ मेरे साथ नहीं हुआ, यह बीते वर्षो में कई शीर्ष खिलाड़ियों के साथ हुआ है।"

शंकर के मुताबिक, "सबसे अच्छी बात यहा थी कि बल्ले के साथ वो मेरा पहला अनुभव था। मैंने उस सीरीज में गेंदबाजी तो की थी लेकिन फाइनल मैच में मैं पहली बार बल्लेबाजी करने उतरा था। वो हालांकि जीवन की सीख देने वाला पल था। उसने मुझे सिखाया कि हर पल का लुत्फ कैसे उठाते हैं और इस तरह के वाकये अस्थायी होते हैं। साथ ही मुझे सिखाया कि मुझे अपना 100 फीसदी देना चाहिए।"

नंबर-4 को लेकर जारी विवाद पर वापस आते हुए शंकर ने कहा कि वह सीख गए हैं कि दबाव मुक्त कैसे हुआ जाता है और अब उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि कोई क्या कह रहा है। 

उन्होंने कहा, "न्यूजीलैंड में जब मैंने नंबर-3 पर बल्लेबाजी की तो मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा। सबसे अच्छी बात यह रही कि टीम प्रबंधन ने मुझ पर भरोसा दिखाया और माना कि मैं यह काम कर सकता हूं। इससे आपको अतिरिक्त प्ररेणा मिलती है। टीम की जरूरत मेरी प्राथमिकता है और मैं हर स्थिति में खेलने को तैयार हूं।"

उन्होंने कहा, "मैं अपने खेल का लुत्फ ले रहा हूं और अपने आप पर किसी तरह का दबाव नहीं ले रहा। मैं स्थिति को समझने और उसके हिसाब से खेलने पर ध्यान दे रहा हूं। मैं अपने काम को महत्व दे रहा हूं और इसको लेकर कोई छोटा रास्ता नहीं है।"

शंकर से जब पूछा गया कि सीनियर खिलाड़ियों और मुख्य कोच रवि शास्त्री से उन्हें क्या फीडबैक मिला? इस पर उन्होंने कहा कि वह इस बारे में ज्यादा बता नहीं सकते। उन्होंने कहा कि वह देखकर सीखने वाले हैं और जब भी अपने सीनियर खिलाड़ियों के साथ रहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा सीखने की कोशिश करते हैं। 

उन्होंने कहा, "पहली बात तो यह है कि भारतीय टीम का हिस्सा बनना वो सपना है जो हम तब से देखते हैं जबसे हम खेलना शुरू करते हैं। मैं वैसा खिलाड़ी हूं जो कोहली, माही भाई, रोहित को देखकर सीखना पसंद करता है। मैंने एक क्रिकेटर के तौर पर अपने आप में सुधार करने के लिए उनसे काफी बात की है। उन्होंने मुझसे कहा है कि मैं अपना काम कर रहा हूं और मेरा ध्यान सिर्फ चीजों को सरल रखने पर होना चाहिए।"

भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या के रूप में एक और हरफनमौला खिलाड़ी भी है। ऐसे में शंकर और पांड्या की तुलना होना लाजमी है, लेकिन शंकर को लगता है कि उन्हें अपनी गेंदबाजी पर अभी और काम करना है। 

उन्होंने कहा, "मैं अपनी गेंदबाजी पर काफी काम कर रहा हूं और मैं सही प्रक्रिया पर ध्यान देने में यकीन रखता हूं। मुझे लगता है कि जब स्थिति आएगी और कप्तान मुझे गेंद देंगे तो मेरे अंदर आत्मविश्वास होना चाहिए तभी मैं अच्छा कर पाऊंगा। यह हर मौके के साथ आत्मविश्वास हासिल करने की बात है।"

Cricketnmore Editorial
By Cricketnmore Editorial
May 16, 2019 • 05:08 AM

IANS

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