नई दिल्ली, 18 जुलाई| भारत के महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने राष्ट्रीय टीम के साथ बिताए गए अपने समय को याद किया है और साथ ही बताया है कि 1998 में जब उन्हें वनडे टीम में से हटा दिया गया था तब उनके दिमाग में क्या चल रहा था। द्रविड़ को एक साल के लिए टीम से हटा दिया गया था और उनके मुताबिक इसका कारण 50 ओवरों के प्रारूप में उनकी बल्लेबाजी शैली थी।
एक साल बाद हालांकि 1999 विश्व कप में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सभी को हैरान कर दिया था और दो ऐसी साझेदारियां की थीं जो हर किसी को आज भी याद हैं।
महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच डब्ल्यू वी रमन ने अपने यूट्यूब चैनल इनसाइड आउट पर द्रविड़ से टीम में असुरक्षा की भावना को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा, "मेरे अंतर्राष्ट्रीय करियर में इस तरह का दौरा था। 1998 में मुझे वनडे टीम में से हटा दिया गया था। मुझे वापसी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी थी.. मैं एक साल के लिए टीम से बाहर था। इस तरह की अनिश्चित्ता थी कि क्या मैं वनडे के लिए सही खिलाड़ी हूं या नहीं क्योंकि मैं हमेशा से टेस्ट खिलाड़ी बनना चाहता था.. मेरी कोचिंग भी टेस्ट खिलाड़ी की तरह हुई थी.. गेंद को नीचा रखकर मारो..गेंद को हवा में मत मारो.. मेरी कोचिंग इस तरह की थी।"