नई दिल्ली, 29 दिसम्बर | भारतीय क्रिकेट के लिए यह साल सफलता से भरा रहा और इस वर्ष मिली सभी जीतों में भारत की तरफ से एक नाम हमेशा चर्चा में रहा और हर जीत में उनका योगदान बेहद अहम रहा। भारतीय टेस्ट टीम के युवा कप्तान विराट कोहली ने 2016 में टीम को हर मोर्च पर संभाला भारतीय टीम की रीढ़ बनकर उभरे।
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बेशक इस साल की शुरुआत में आस्ट्रेलिया से एकदिवसीय श्रृंखला में मिली हार से शुरुआत खराब रही, लेकिन इसके बाद एशिया कप, न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत ने उसकी अच्छी भरपाई की। भारत की मेजबानी में हुई आईसीसी टी-20 विश्व कप में भी टीम ने सेमीफाइनल का सफर तय किया। रिकॉर्ड 18 टेस्ट मैचों में अपराजित चल रही भारतीय टीम ने नंबर-1 टेस्ट टीम का दर्जा फिर से हासिल किया और एकदिवसीय में कई श्रृंखलाएं अपने नाम कीं।
टेस्ट में बतौर कप्तान विराट ने लगातार रन बटोरे और एकदिवसीय तथा टी-20 में उन्होंने कई बार अकेले दम पर टीम को विजय दिलाई। विराट ने अपने खेल से बताया कि वह कितने परिपक्व हो चुके हैं। उनकी बेहतरीन पारियां इस बात की सबूत हैं कि उन्होंने खुद को किस तरह मांझा है। कप्तान के तौर पर दवाब क्या होता है इससे सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं, लेकिन विराट पर यह दबाव कभी दिखा ही नहीं। उन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन और नेतृत्व क्षमता से इस दबाव को उतार फेंका और टीम एक के बाद एक सफलता के नए अध्याय लिखती गई।
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टेस्ट में इस साल विराट ने कुल 12 मैच खेले, जिसमें 75.93 की शानदार औसत से 1215 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने चार शतक लगाए, जिनमें तीन दोहरे शतक शामिल हैं। शुरुआत वेस्टइंडीज से हुई जहां उनकी आगुआई में टीम ने 2-1 से जीत दर्ज की। विराट ने इस दौरे की शानदार शुरुआत की और एंटिगा टेस्ट में दोहरा शतक जड़ा। विराट की आगुआई में इस वर्ष भारतीय टेस्ट टीम की सफलता की यह सिर्फ शुरुआत थी। उसने पहले न्यूजीलैंड को 3-0 से, फिर इंग्लैंड को 4-0 से करारी मात दी। दोनों श्रृंखलों में विराट ने एक-एक दोहरे शतक भी लगाए।
टेस्ट में विराट को लोकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अंजिक्य रहाणे और मुरली विजय का समर्थन बखूबी मिला, लेकिन जब भी टीम संकट में आई वह अकेले दम संघर्ष कर भारतीय टीम को वैतरणी के पार ले गए। विराट ने इस साल एकदिवसीय में कुल 10 मैच खेले और 92.37 के औसत से 739 रन बनाए। इन मैचों की 10 पारियों में उन्होंने चार शतक और तीन अर्धशतक लगाए। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह किस तरह टीम की बल्लेबाजी की धुरी बनकर उभरे हैं।
हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने 3-2 से श्रृंखला अपने नाम की। इस श्रृंखला में विराट ने 85, 154 और 65 रनों की पारियां खेलीं। श्रृंखला में विराट ने जिस तरह बल्लेबाजी की थी उसने बता दिया था कि वह कहीं से भी टीम को जीत दिला सकते हैं। विराट का प्रदर्शन इस वर्ष टी-20 में खास तौर पर शानदार रहा। उन्होंने इस साल 15 अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेले और 106.83 की औसत से 641 रन बनाए, जिसमें सात अर्धशतक शामिल हैं। पहली बार टी-20 प्रारूप में खेले गए एशिया कप से लेकर टी-20 विश्व कप तक विराट ने हमेशा रन बनाए।