Cricket Tales: इन दिनों, भारत में घरेलू क्रिकेट में, लिमिटेड ओवर क्रिकेट की, देवधर ट्रॉफी खेली जा रही है। टीम इंडिया, इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रही है तो ऐसे में इस ट्रॉफी पर कितना ध्यान दिया जा रहा है- इस सवाल का जवाब सब जानते हैं। संयोग से बीसीसीआई ने भी, इस साल, इस ट्रॉफी का आयोजन करते हुए एक बड़े रिकॉर्ड को नजरअंदाज कर दिया- इस ट्रॉफी के आयोजन की शुरुआत के 50 साल हो गए। इससे भी बड़ा रिकॉर्ड ये कि इसके साथ ही भारत में वनडे क्रिकेट की शुरुआत के 50 साल हो गए। साउथ जोन-ईस्ट जोन मैच, 1973-74 देवधर ट्रॉफी, को देश का पहला रिकॉर्डेड वनडे मैच गिनते हैं। अब सवाल ये है कि वनडे क्रिकेट की नेशनल चैंपियनशिप को जो 'देवधर' नाम दिया गया- ये कहां से आया?
ये नाम है प्रोफ़ेसर डीवी देवधर (Professor D.B. Deodhar) का जिन्हें ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ़ इंडियन क्रिकेट भी कहते हैं। उनके समय में वनडे क्रिकेट का तो सोचा भी नहीं था- इसलिए वास्तव में उन का वनडे क्रिकेट से कोई नाता नहीं रहा। उनका नाम तो भारत के टेस्ट क्रिकेटरों की लिस्ट में भी नहीं है- तब भी बोर्ड ने, न सिर्फ एक नेशनल चैंपियनशिप, वनडे क्रिकेट की ट्रॉफी को उन का नाम दिया। तो आखिरकार क्या योगदान है उन का?
जब भारत ने 1932 में अपना पहला टेस्ट खेला तो वे देश में मौजूद सबसे बेहतर बल्लेबाजों में से एक थे पर उन्हें 'बूढ़ा' मान कर नहीं चुना- तब वे लगभग 40 साल के थे। लगभग 1910 से क्रिकेट से जुड़े थे और उन कुछ खिलाड़ियों में से एक जो भारतीय क्रिकेट की पहचान थे। 1930 के सालों में महाराष्ट्र टीम उन्हीं की बदौलत चमकी और 1939-40 और 1940-41 में रणजी ट्रॉफी जीते। 1993 में 101+ की उम्र में उनका निधन हुआ- ठीक गिनें तो 101 साल 222 दिन की उम्र में।