Advertisement

ऋषभ पंत को एक क्रिकेटर के चूना लगाने का किस्सा कोई अनोखी बात नहीं, IPL के नाम पर पहले भी हुआ है ऐसा

कुछ महीने पहले ये खबर आई थी कि किसी ने ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को एक बड़ी रकम का चूना लगा दिया- 2020-2021 के दौरान 1.63 करोड़ रुपये का। वे तो पहले से एक्सीडेंट में मिली चोटों से जूझ रहे थे

Advertisement
ऋषभ पंत को एक क्रिकेटर के चूना लगाने का किस्सा कोई अनोखी बात नहीं, IPL के नाम पर पहले भी हुआ है ऐसा
ऋषभ पंत को एक क्रिकेटर के चूना लगाने का किस्सा कोई अनोखी बात नहीं, IPL के नाम पर पहले भी हुआ है ऐसा (Image Source: Google)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Jan 23, 2024 • 08:18 AM

खुद को एक आईपीएल क्रिकेटर बता कर (2014 से 2018 तक मुंबई इंडियंस के लिए खेले) वह एक हफ्ते के लिए दिल्ली के ताज पैलेस होटल में रुका था, जहां एक दिन, बिना चेक आउट गायब और तब तक का बिल था 5.53 लाख रुपये का। होटल स्टाफ को झांसा देते रहे कि चूंकि एक खिलाड़ी हैं- इसलिए उनके बिल का पेमेंट एक प्राइवेट कंपनी करेगी। होटल से उनके बैंक अकाउंट की जानकारी भी ले ली ताकि पेमेंट भेजी जा सके।

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
January 23, 2024 • 08:18 AM

यूं तो कई क्रिकेटर का नाम क्रिमिनल रिकॉर्ड में है पर चूंकि यहां ठगी की बात कर रहे हैं तो एक और क्रिकेटर का ठगी का किस्सा देखते हैं। ये थे, नकली नहीं, वास्तव में हैदराबाद के क्रिकेटर और बात तब सामने आई जब वे धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार हुए दिसंबर 2017 में। 

Trending

2013 में हैदराबाद के लिए खेले अंडर-19 क्रिकेटर रवींद्र वाडेकर को मुंबई क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। ये उस केस में चौथी गिरफ्तारी थी। मामला ये है कि आरएन स्पोर्ट्स नाम की एक कंपनी ने कई और युवा क्रिकेटरों को आईपीएल और रणजी मैचों में मौका दिलाने का झूठा वायदा कर 68 लाख रुपये की ठगी की। इस ठगी के मास्टर माइंड थे रवींद्र वाडेकर (23), जो मुख्य आरोपी विजय बराटे की पुणे में दो कंपनियों में को-डायरेक्टर थे। वास्तव में कभी ये कंपनी हैदराबाद सनराइजर्स के लिए टेलेंट हंट का काम देखती थी। 

रवींद्र वाडेकर मूलतः मुंबई के हैं और वहां से हैदराबाद आए। यहां एचसीए क्लब के एक सचिव और एक इंटरनेशनल खिलाड़ी की सिफारिश पर वाडेकर को हैदराबाद टीम में शामिल किया गया था- सिर्फ एक सीज़न के लिए टीम में थे। पूछताछ के दौरान, पुलिस को राजकोट की एक कंपनी के मालिक जितेंद्र तिवारी के बारे में पता चला- इस कंपनी को वेस्टइंडीज में खेली एक इंग्लैंड-वेस्टइंडीज सीरीज के ब्रांडिंग अधिकार भी मिले थे। 

इस जांच के दौरान मनी लॉन्डरिंग का मामला भी सामने आया। इसी मामले में वाडेकर, उस सीरीज के दौरान वेस्टइंडीज गए थे और वहां जो फोटो खींची गईं, वही दिखाकर युवा क्रिकेटरों को फंसाया जाता रहा। उन फोटो से ये भी साबित करते रहे कि आज भारत में तो कल विदेश में भी खेलने का मौका दिला सकते हैं। क्रिकेट में बड़ा ब्रेक पाने के लालच में युवा क्रिकेटर फंसते रहे और उन्हें पैसा देते रहे। 

ये मामला तब सामने आया जब एक कोच ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की कि बाराटे ने उनके खिलाड़ियों को धोखा दिया है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी पैसे लेते थे, दूसरे स्टेट के डमी टूर में नकली टीमों के साथ मैच के बाद खिलाड़ियों को रिजेक्ट कर देते थे यानि कि वापसी का टिकट और सब खत्म। बीसीसीआई में भी शिकायत हुई और वहां भी जांच हुई। आखिरकार अंडर-19 क्रिकेटर वाडेकर को  15 दिसंबर 2017 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 

Also Read: Live Score

खुद खेलने की वजह से वे क्रिकेट की बारीकियों को जानते थे जिससे युवा और नए क्रिकेटरों को आसानी से प्रभावित कर लेते थे। आईपीएल या रणजी मैचों में ब्रेक का लालच किसे नहीं होगा? एक साल में युवा क्रिकेटरों को धोखा देकर लगभग 68 लाख रुपये हड़प लिए। कहां तक और किस हद तक इंतजाम किया जा सकता था इसकी एक बहुत अच्छी मिसाल उत्तर प्रदेश के आशुतोष बागेल हैं। उन्हें आरएन स्पोर्ट्स ने 2012 में सीधे आईपीएल टीम में 'एंट्री' दिला दी। उन्हें दिल्ली से उसी फ्लाइट का टिकट दिया जिससे टीम जा रही थी। प्लेन में टीम को देखकर उन्हें लगा कि सब सही हो रहा है पर जब वे फ्लाइट से उतरकर टीम बस में जाने लगे तो सिक्योरिटी स्टॉफ ने वहीं रोक दिया और बाहर निकाल दिया। उनका 9 लाख रुपये का सपना टूट गया।
 

Advertisement


Advertisement