क्रिकेट के मैदान पर अक्सर खिलाड़ी अपने विपक्षी टीम के खिलाड़ीयों के साथ दुश्मन जैसा ही व्यवहार करते हैं। दोनों टीमों के खिलाड़ी एक दूसरे को जल्द से जल्द आउट कर या विपक्षी टीम को हराने के इरादे से मैदान पर जाते हैं , पर इन सबके के बीच क्रिकेट जगत के इतिहास में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हुए हैं जिनके बीच की दोस्ती की मिशाल क्रिकेट के पन्नों पर अमर हो गई है ।क्रिकेट के इतिहास में दोस्ती की पटकथा को लिखने में सबसे अव्वल दो ऐसे दिग्गज खिलाड़ी रहें हैं जिन्हें क्रिकेट में शानदार योगदान के लिए सर की उपाधी से नवाजा गया है ।
इयान बॉथम और विवियन रिचर्ड
सर विवियन रिचर्ड और सर इयान बॉथम के बीच के दोस्ती की मिशाल आज भी क्रिकेट के गलियारों में अमर है। उनके बीच जो दोस्ती का रिश्ता था वो अमर हो गया है । सर विवियन रिचर्ड जो दुनिया के महान बल्लेबाजों में शूमार थे उनकी दोस्ती इंग्लैंड के महान फास्ट बॉलर सर इयान बॉथम के साथ थी । इन दोनों के बीच की दोस्ती तब शुरू हुई जब विवियन रिचर्ड समरसेट के लिए काउंटी क्रिकेट खेला करते थे । समरसेट के लिए इयान बॉथम भी उस समय काउंटी क्रिकेट खेला करते थे। विवियन रिचर्ड और इयान बॉथम ने मिलकर समरसेट के खाते में कई शानदार जीत दर्ज कराई हुई है । 1987 के काउंटी सीजन में समरसेट ने विवियन रिचर्ड के साथ रिश्ता तोड़ दिया था। उस समय समरसेट के टीम के नए कप्तान पीटर रोबक ने विवियन रिचर्ड को टीम के साथ उनके कॉटेक्ट को रद्द कर दिया था। समरसेट के कप्तान पीटर रोबक के इस फैसले से इयान बॉथम इतने खफा हुए थे कि उन्होंने भी समरसेट के तरफ से खेलने से मना कर दिया था। दो महान खिलाड़ियों के काउंटी क्रिकेट से बाहर हो जाने से काउंटी क्रिकेट को बहुत बड़ा धक्का लगा था। इयान बॉथम ने इसके बाद वोस्टरशायर को ज्वाइन कर लिया था।