मिताली राज ने वनडे क्रिकेट में पूरे किए 20 साल, कैसे बनी भारतीय महिला टीम की महान खिलाड़ी !!
10 अक्टूबर। मिताली राज कई बार पुरुष और महिला क्रिकेट में समानता की बात करती रही हैं। वह मुखर रूप से कई बार बोल चुकी हैं कि पुरुष क्रिकेटरों को जो तवज्जो मिलती है, उतनी ही महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को भी
मिताली सिर्फ भारतीय खेल के बारे में नहीं सोचतीं। वे महिला क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर हर प्रारूप में आगे ले जाने के बारे में भी सोचती हैं। महिला क्रिकेट में टेस्ट काफी कम खेले जाते हैं। मिताली ने कई बार कहा है कि टेस्ट क्रिकेट ज्यादा होना चाहिए। उन्होंने अपने 20 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में सिर्फ 10 टेस्ट मैच खेले हैं। अपने दूसरी ही टेस्ट में उन्होंने 214 रनों की पारी खेल तहलका मचा दिया था। वह महिला वर्ग में टेस्ट क्रिकेट के बढ़ावे पर भी मुखर रूप से अपनी बात कहती रही हैं।
मिताली की वर्षो की मेहनत रंग लाती दिख रही है। उनका महिला एवं पुरुष क्रिकेट को बराबरी का दर्जा मिलने का सपना अपने रास्ते पर बढ़ चुका है, लेकिन एक मिताली इसके लिए काफी नहीं हैं कुछ और मिताली इसके लिए चाहिए होगी।
यह कहना हालांकि गलत होगा कि सिर्फ मिताली ही महिला क्रिकेट के लिए लड़ी हैं, हां बेशक अपने व्यक्तिव से वह इस मुहीम का नेतृत्व करने में सफल रही हैं लेकिन झूलन गोस्वामी, अंजुम चोपड़ा जैसी खिलाड़ी भी इसमें उनके साथ खड़ी रही हैं।
मिताली की जिस तरह की ललक है उससे साफ पता चलता है कि वह संन्यास लेने के बाद भी अपना काम जारी रखेंगी।
वहीं, अगर मैदान पर खेलने की बात की जाए तो 20 साल की सफर बताता है कि वह कितनी मेहनती हैं। इस दौरान अपने आप को फिट रखने की जद्दोजहद से लेकर रोज एक ही काम को अंजाम देना किसी के भी आसान नहीं है। इसके लिए इच्छाशक्ति चाहिए होती है जो मिताली में कूट-कूट के भरी है। यह न सिर्फ उनकी मेहनत का गवाह है बल्कि उनके जुनून का परिचायक भी है।
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