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वर्ल्ड टी- 20 में भारतीय बल्लेबाजों का किस्मत ने नहीं दिया साथ

मुंबई, 11 मार्च | टी-20 वर्ल्ड कप का छठा संस्करण शुरू हो गया है। भारतीय बल्लेबाजों ने पहले टी-20 वर्ल्ड कप से लेकर पांचवें संस्करण तक अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है हालांकि टीम के गेंदबाज बल्लेबाजों की तरह उतना

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वर्ल्ड टी- 20 में भारतीय बल्लेबाजों का किस्मत ने नहीं दिया साथ
वर्ल्ड टी- 20 में भारतीय बल्लेबाजों का किस्मत ने नहीं दिया साथ ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Mar 11, 2016 • 06:11 PM

मुंबई, 11 मार्च | टी-20 वर्ल्ड कप का छठा संस्करण शुरू हो गया है। भारतीय बल्लेबाजों ने पहले टी-20 वर्ल्ड कप से लेकर पांचवें संस्करण तक अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है हालांकि टीम के गेंदबाज बल्लेबाजों की तरह उतना प्रभावित नहीं कर सके।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
March 11, 2016 • 06:11 PM

2007 में साउथ अफ्रीका में शुरू हुए टी-20 वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में भारत विजेता बन कर लौटा था। उसके बाद वह हालांकि दोबारा इस खिताब पर कब्जा नहीं जमा सका। पहले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के युवराज सिंह ने अपनी तूफानी बल्लेबाजी से टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी और खेल के नए प्रारूप में दुनिया के बल्लेबाजों के लिए मिसाल कायम की थी।

2007 टी-20 वर्ल्ड कप को कोई भी नहीं भूल सकता। इस वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने एक ऐसा कीर्तिमान रचा था जिसे अंजाम देने का सपना हर बल्लेबाज देखता है। युवराज ने इंग्लैंड के गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के लगाकर विश्व कप और उस मैच दोनों को यादगार बना दिया।

इस मैच में युवराज ने महज 16 गेंदो में 58 रन बनाए थे और टी-20 क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक का रिकार्ड भी अपने नाम किया था। युवराज यहीं नहीं रुके उन्होंने अपने तूफानी अंदाज का एक और नमूना सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया के सामने दिया। उन्होंने आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और महज 30 गेंदों में 70 रन बना डाले।

2009 में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप के दूसरे संस्करण में भारतीय टीम खिताब बचाने उतरी थी लेकिन सफल नहीं हो पाई और वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका से हार कर सेमीफाइनल से पहले ही बाहर हो गई।

लेकिन भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया। दिल्ली के इस बल्लेबाज ने पांच मैचों में 148 रन बनाए जिसमें बांग्लादेश के खिलाफ लगाया गया अर्धशतक भी शामिल है। पाकिस्तान ने इस विश्व कप पर कब्जा जमाया था।

अगले साल टी-20 वर्ल्ड कप के अगले संस्करण में भारतीय टीम वेस्टइंडीज पहुंची। टीम इस विश्व कप में भी खिताब अपने नाम नहीं कर सकी। लेकिन सुरेश रैना ने इस विश्व कप में भारतीय बल्लेबाजों का परचम ऊंचा रखा। उन्होंने पांच मैचों में 219 रन बनाए। जिसमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई 101 रनों की पारी और श्रीलंका के खिलाफ खेली गई 63 रनों की पारी शामिल है।

लेकिन उनकी शानदार फॉर्म टीम को वर्ल्ड कप नहीं दिला सकी और टीम सेमीफाइनल से पहले ही आस्ट्रेलिया, श्रीलंका और वेस्टइंडीज से हारकर बाहर हो गई। इंग्लैंड ने इस विश्व कप पर कब्जा जमाया।

2012 में वर्ल्ड कप श्रीलंका में खेला गया। अपना पहला टी-20 वर्ल्ड कप खेल रहे भारत के विराट कोहली ने इस विश्व कप में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने पांच मैचों में 185 रन बनाए। जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ 78 रनों की पारी भी शामिल थी। भारत इस विश्व कप में भी खिताब वापस लाने में असफल रहा।

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बांग्लादेश में 2014 में हुए वर्ल्ड कप के पांचवें संस्करण में विराट कोहली ने एक बार फिर अपने बल्ले से रन बरसाए। इस बार उन्होंने विश्व कप के छह मुकबलों में 319 रन बनाए और टीम को फाइनल में पुहंचाने में अहम योगदान दिया।

फाइनल में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 58 गेंदों में 77 रन बनाए लेकिन वाबजूद इसके भारत हार गया। भारत के ऑफ स्पिनर रविचन्द्रन अश्विन ने इस विश्व कप में भारत की तरफ से 10 विकेट लिए। भारतीय बल्लेबाज इस समय शानदार फॉर्म में हैं और टीम भी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। पिछले कुछ महीनों में भारत ने पहले आस्ट्रेलिया को उसके घर में ही टी-20 श्रृंखला में मात दी, फिर अपने घर में श्रीलंका को हराया।

टीम ने पहली बार टी-20 फारमेट में खेले गए एशिया कप पर भी अपना कब्जा जमाया। महेन्द्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली भारतीय टीम एक बार फिर कोहली पर काफी निर्भर करेगी और दूसरी बार खिताब पर कब्जा जमाने की कोशिश करेगी।

एजेंसी

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