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टीम इंडिया का वो अभागा गेंदबाज, जिसने T20 World Cup तो जीता,लेकिन अपने देश में 1 टेस्ट विकेट नहीं ले पाए

न्यूजीलैंड की टीम भारत टूर पर हो तो ये नहीं हो सकता कि एजाज पटेल (Ajaz Patel) का जिक्र न हो। न्यूजीलैंड टीम ने भारत में 37 टेस्ट में से मौजूदा पहले टेस्ट की जीत के बावजूद सिर्फ 3 टेस्ट

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 टीम इंडिया का वो अभागा गेंदबाज, जिसने T20 World Cup तो जीता,लेकिन अपने देश में 1 टेस्ट विकेट नहीं ल
टीम इंडिया का वो अभागा गेंदबाज, जिसने T20 World Cup तो जीता,लेकिन अपने देश में 1 टेस्ट विकेट नहीं ल (Image Source: Twitter)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Oct 24, 2024 • 09:30 AM

न्यूजीलैंड की टीम भारत टूर पर हो तो ये नहीं हो सकता कि एजाज पटेल (Ajaz Patel) का जिक्र न हो। न्यूजीलैंड टीम ने भारत में 37 टेस्ट में से मौजूदा पहले टेस्ट की जीत के बावजूद सिर्फ 3 टेस्ट जीते हैं जबकि 17 हारे। नवंबर 1988 के बाद से न्यूजीलैंड ने भारत को भारत में टेस्ट में अब हराया है। यहां जीतना उनके लिए कितना मुश्किल रहा इसका सबूत ये कि 2021 के जिस मुंबई टेस्ट में, एजाज पटेल ने 14 विकेट (10+4) लिए, उसे भी वे हार गए थे। एजाज ने एक टेस्ट पारी में सभी 10 टेस्ट विकेट का अनोखा रिकॉर्ड बनाया। इस रिकॉर्ड को बनाने वाले, धीमे खब्बू गेंदबाज एजाज पटेल का भारत में मौजूदा सीरीज के बेंगलुरु टेस्ट तक रिकॉर्ड- 19 टेस्ट में 72 विकेट। ये रिकॉर्ड अनोखा इसलिए है क्योंकि ये सभी 72 विकेट न्यूजीलैंड से बाहर खेले टेस्ट में लिए यानि कि इन 19 में से जो 3 टेस्ट न्यूजीलैंड में खेले उनमें कोई विकेट नहीं मिला। 

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
October 24, 2024 • 09:30 AM

इस समय एजाज घरेलू टेस्ट में, कोई भी विकेट लिए बिना, सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट की लिस्ट में टॉप पर हैं। भारत में इस टूर में रिकॉर्ड आगे और बदल सकता है। उनसे पहले इस संदर्भ में टॉप पर 19वीं सदी के यॉर्कशायर के ऑलराउंडर विली बेट्स (Willie Bates) थे- 50 विकेट। इस रिकॉर्ड की ख़ास बात ये है कि जहां एक तरफ वे ऑस्ट्रेलिया तीन टूर पर गए- इंग्लैंड में कभी टेस्ट नहीं खेला ही नहीं। इसलिए अगर उन क्रिकेटर को देखें जो एजाज की तरह से अपनी पिचों पर भी टेस्ट खेले तो उनसे पहले भारत के तेज गेंदबाज आरपी सिंह (RP Singh) का नाम टॉप पर था- 14 टेस्ट में 40 विकेट जिसमें भारत में दो टेस्ट बिना विकेट शामिल हैं। 

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अब भारत के इन्हीं आरपी सिंह की बात करते हैं। कौन आरपी सिंह? लिस्ट देखें तो- दो आरपी सिंह का नाम है। पूरा नाम लिखें तो- दोनों का नाम रूद्र प्रताप सिंह। रणजी टीम- दोनों उत्तर प्रदेश के लिए खेले। कैसे खिलाड़ी थे- दोनों खब्बू सीमर और दोनों ने टीम इंडिया के लिए अटैक की शुरुआत की। खैर इसके बाद और बारीकी से देखें तो फर्क मिल जाएंगे और सबसे बड़ा ये कि जिन आरपी सिंह की यहां बात कर रहे हैं वे टेस्ट खेले जबकि दूसरे का नाम कभी टेस्ट टीम में नहीं आया। इनके बारे में लिखते हुए जानकार भी कई बार गलती कर जाते हैं। कई जगह इन्हें आरपी सिंह सीनियर (जो ओडीआई खेले) और आरपी सिंह जूनियर (जो तीनों फॉर्मेट में खेले) लिखा है पर ये नाम ज्यादा चर्चा में नहीं हैं। 

क्रिकेट में ऐसा होना कोई अनोखी बात नहीं- डब्ल्यूजी ग्रेस जूनियर, विक्टर ट्रम्पर जूनियर, जो हार्डस्टाफ सीनियर और जूनियर, रॉबिन सिंह जूनियर, पटौदी सीनियर और जूनियर जैसे नाम पढ़ने को मिल जाएंगे। अब इस रिपोर्ट में आगे उन आरपी सिंह का जिक्र करेंगे जो 14 टेस्ट में 40 विकेट के रिकॉर्ड के लिए जाने जाते हैं। वे साथ में 58 वनडे और 10 टी20 भी खेले- कुल 114 इंटरनेशनल विकेट लिए। 

आरपी सिंह तो 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में भी थे। जूनियर से सीनियर क्रिकेट तक का सफर तय किया- 2004 में बांग्लादेश में अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेले थे और 24.75 औसत से 8 विकेट लिए। उसके बाद उत्तर प्रदेश रणजी टीम से 2005 में वनडे टीम में आए और ऐसा खेले कि अपने तीसरे वनडे में मैन ऑफ द मैच थे (विरुद्ध श्रीलंका, राजकोट, 4-35)। जनवरी 2006 में फैसलाबाद में पाकिस्तान के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू (5 विकेट) और मैन ऑफ द मैच थे। जनवरी 2006 में पाकिस्तान में टेस्ट डेब्यू के बाद आगे के टेस्ट बांग्लादेश, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेले। 

उन सालों में, भारत के पास इरफान और जहीर भी थे- ये दोनों भी खब्बू सीमर। आरपी सिंह ने लॉर्ड्स में 5 विकेट (5-59) का रिकॉर्ड भी बनाया और ये रिकॉर्ड बनाने वाले 10वें भारतीय गेंदबाज बने। जब जनवरी 2008 में पहली बार भारत में टेस्ट खेले (विरुद्ध दक्षिण अफ्रीका, चेन्नई) तब तक 11 टेस्ट में 40 विकेट ले चुके थे। कुल करियर रिकॉर्ड- 14 टेस्ट में 40 विकेट यानि कि अगले तीन टेस्ट में एक भी विकेट नहीं मिला। विकेट का सूखा ऐसा पड़ा कि जब 2011 में अचानक ही कप्तान धोनी की पसंद पर ओवल में टेस्ट खेले तब भी कोई विकेट नहीं मिला। 

खैर सबसे ख़ास है भारत में दो टेस्ट में कोई विकेट न मिलना। ये दोनों टेस्ट दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध (क्रमशः चेन्नई और अहमदाबाद में) और कुल 53 ओवर की गेंदबाजी में भी एक विकेट न मिला। चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका ने फ्लैट पिच पर 540 और 331-5 पारी समाप्त के स्कोर बनाए। वास्तव में पिच पर पेसर के लिए कुछ नहीं था और भारत ने सिर्फ आरपी सिंह और एस श्रीसंत को खिलाया और ये दोनों मिलकर गिरे 15 में से सिर्फ 1 विकेट ले पाए। 

इसलिए एक और मौका तो बनता था और अहमदाबाद टेस्ट की टीम में भी थे। जिस पिच पर पहले दिन दक्षिण अफ्रीका के तीन पेसर ने मिलकर 20 ओवर में भारत को सिर्फ 76 रन पर आउट कर दिया, उसी पर दक्षिण अफ्रीका ने जवाब में 494-7 पारी समाप्त बना दिए। श्रीसंत को तो 2 विकेट मिल गए पर आरपी सिंह और इरफ़ान को एक भी विकेट न मिला। मजे की बात ये है कि जब भारत ने दूसरी पारी खेली तो फिर से दक्षिण अफ्रीका के पेसर चमके। भारत पारी से टेस्ट हार गया और इसकी कीमत चुकाने वालों में एक नाम आरपी सिंह का भी था। वे उसके बाद टेस्ट टीम के रडार से भी बाहर हो गए। 

तब फिर 3 साल से भी ज्यादा के बाद, एकदम ओवल में एक और टेस्ट कैसे खेल गए- ये भारतीय क्रिकेट के सबसे विवादास्पद टीम सिलेक्शन के किस्सों में से एक है। इसकी चर्चा एक अलग स्टोरी है। वैसे आपके रिकॉर्ड के लिए- अब तक भारत के 56 खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने अपने टेस्ट करियर में, भारत में खेले टेस्ट में कभी न कभी गेंदबाजी की पर विकेट नहीं लिया और इन 56 में से- 

* सबसे ज्यादा 53 ओवर आरपी सिंह ने फेंके। 

* सबसे ज्यादा 235 रन आरपी सिंह ने दिए। 

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* पारी में सबसे ख़राब गेंदबाजी के रिकॉर्ड में आरपी सिंह 5वें नंबर पर। 

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