भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पिछले दिनों टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को 125 करोड़ रुपये का नकद इनाम देने के अतिरिक्त, अपने खजाने से दो और भी बड़े खर्चे बिना शेड्यूल किए- बीमार टेस्ट क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ के कैंसर के इलाज में मदद के लिए 1 करोड़ रुपये दिए तो पेरिस ओलंपिक शुरू होने से 4 दिन पहले, ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारत के एथलीट के लिए 8.5 करोड़ रुपये इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) को बिना शर्त दिए।
चाहे जैसे पैसा खर्च करो क्योंकि वास्तव में ओलंपिक की न सिर्फ तैयारी हो चुकी थी, कई एथलीट पेरिस जा भी चुके थे। ये पहला मौका नहीं जब बीसीसीआई ने गैर क्रिकेट खेलों या खिलाड़ियों की मदद की और बड़ी मजेदार है मदद की ये स्टोरी।
पहले तो खुद बीसीसीआई के पास ही इतना पैसा नहीं था कि मदद के नाम पर और दूसरे खेलों के बारे में सोचते। आईपीएल से नजारा बदला। 2008 में ही बीसीसीआई ने कहा कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी के लिए 5 खेलों में मदद करेंगे। तय हुआ कि एक नया बीसीसीआई-एनएसडीएफ एलीट स्पोर्ट्स टैलेंट फंड (BCCI-NSDF Elite Sports Talent Fund) बनेगा कुल 80 करोड़ रुपये का जिसमें बीसीसीआई के 50 करोड़ और बाकी पैसा सरकार डालेगी। कम चर्चित तैराकी, तीरंदाजी, जूडो, कुश्ती और निशानेबाजी में ख़ास तौर पर बीजिंग ओलंपिक (2008), कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स (2008), दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स (2010) और 2010 में एशियाई खेलों जैसे बड़े आयोजन में संभावित पदक विजेताओं की ट्रेनिंग के लिए पैसा खर्च करेंगे।