2003 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जर्सी पर नहीं था स्पांसर का नाम, ये झगड़ा बना था वजह
लखनऊ के सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय का 75 साल की उम्र में देहांत हो गया। एक छोटे से व्यवसायी, जो कुछ साल में देश के सबसे बड़े व्यापारी ग्रुप में से एक बन गए और सहारा श्री का
लखनऊ के सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय का 75 साल की उम्र में देहांत हो गया। एक छोटे से व्यवसायी, जो कुछ साल में देश के सबसे बड़े व्यापारी ग्रुप में से एक बन गए और सहारा श्री का नाम मिला था उन्हें। भारत में खेलों के लिए वे वास्तव में सहारा थे- एक समय वे देश के सबसे बड़े स्पोर्ट्स स्पांसर थे। आज पैसे की बदौलत बेहतर ट्रेनिंग से मैडल जीतने का जो रिकॉर्ड देख रहे हैं- उसे सुब्रत रॉय ने ही शुरू किया था। क्रिकेट पर उन्होंने सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया।
सहारा इंडिया, 2001 से 2013 तक भारतीय क्रिकेट के स्पांसर थे। इसी की और विस्तार से चर्चा करेंगे क्योंकि ये बड़ी मजेदार स्टोरी है। उनके स्पांसर के दौर में, टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी (2002), वर्ल्ड टी20 ट्रॉफी (2007), एशिया कप (2010), वर्ल्ड कप (2011) और चैंपियंस ट्रॉफी (2013) जैसे बड़े आयोजन जीते। नोट कीजिए- उसके बाद और किसी स्पांसर के लोगो वाली जर्सी में कोई सीनियर आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीते हैं।
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इसके बावजूद टीम इंडिया के साथ उनके संबंध उतार-चढ़ाव वाले रहे और विश्ववास कीजिए- उन्होंने दो बार कॉन्ट्रैक्ट को बीच में ही तोड़ने का फैसला लिया। ये सब जानते हैं कि जब टीम इंडिया ने 2003 का वर्ल्ड कप खेला तो वे स्पांसर थे पर सच्चाई ये है कि वर्ल्ड कप से कुछ ही दिन पहले उन्होंने कह दिया था कि वर्ल्ड कप के लिए टीम को स्पांसर नहीं करेंगे। इसकी वजह आईसीसी की स्पांसर के लिए बनाई पॉलिसी थी। दूसरी बार 2012 में उन्होंने फिर से कॉन्ट्रैक्ट को बीच में ही खत्म करने का फैसला लिया। इस बार, उनकी पुणे आईपीएल टीम की वजह से बीसीसीआई के साथ बिगड़े संबंध थे। तब तो उन्होंने अपनी आईपीएल टीम को भी आईपीएल में न खेलने के लिए कह दिया था।