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मेरी आंखों में आंसू आ गए, मैंने अपना पूरा जीवन हॉकी को समर्पित किया है : गुरबख्श सिंह

हॉकी इंडिया के मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अवार्ड से नवाजे गए भारतीय हॉकी लीजेंड गुरबख्श सिंह ने कहा है, मेरे लिए यह आश्चर्यजनक, चौंकाने वाला और सुखद है। उन्हें पिछले महीने पांचवें हॉकी इंडिया वार्षिक पुरस्कार समारोह में यह अवार्ड दिया गया।

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IANS News
By IANS News April 07, 2023 • 14:48 PM
It brought tears to my eyes, I've devoted my whole life to hockey: Gurbux Singh
It brought tears to my eyes, I've devoted my whole life to hockey: Gurbux Singh (Image Source: IANS)

हॉकी इंडिया के मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अवार्ड से नवाजे गए भारतीय हॉकी लीजेंड गुरबख्श सिंह ने कहा है, मेरे लिए यह आश्चर्यजनक, चौंकाने वाला और सुखद है। उन्हें पिछले महीने पांचवें हॉकी इंडिया वार्षिक पुरस्कार समारोह में यह अवार्ड दिया गया।

हॉकी इंडिया की पॉडकास्ट सीरीज हॉकी ते चर्चा के ताजा संस्करण में दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड जीतने की खुशी को साझा किया और हॉकी से जुड़े कई विषयों पर बात की।

गुरबक्श ने कहा, मैं आज 88 साल का हूं और मैं हॉकी के लिए जो कुछ भी कर पा रहा हूं मैंने हमेशा उसका आनंद लिया है। यहां तक कि आज भी मैं इसका छोटा सा हिस्सा बनकर आनंदित हूं। मैंने हॉकी जीवन के 65 वर्षों में हर चीज का आनंद लिया है और मुझे इस पर गर्व है। मैं एक खिलाड़ी, कोच, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी अम्पायर, मैनेजर और बंगाल हॉकी संघ का 18 वर्षों तक सचिव रहा हूं। मैंने हॉकी में जो भी कुछ किया है मैंने पूरी तरह उसका आनंद लिया है। मैंने अपना पूरा जीवन हॉकी को समर्पित किया है और मैं मुझे मान्यता देने के लिए हॉकी इंडिया को धन्यवाद करता हूं।

पूर्व भारतीय कप्तान ने अपने करियर में कई उपलब्धियां और अवार्ड जीते हैं। उनके पास दो ओलम्पिक पदक(1964 टोक्यो ओलम्पिक में स्वर्ण पदक और 1968 मेक्सिको ओलम्पिक में कांस्य पदक) तथा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक भी है। उन्हें हॉकी में उनके योगदान के लिए अर्जुन पुरस्कार भी दिया गया था।

हॉकी इंडिया मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अवार्ड के लिए गुरबक्श ने कहा, ओलम्पिक स्वर्ण पदक, एशियाई गोल्ड मैडल सर्वश्रेष्ठ हैं लेकिन जब आपका अपना संघ हॉकी इंडिया आपको मान्यता देता है तो उसकी बात ही अलग है।

उन्होंने कहा, इससे मेरी आंखों में आंसू आ गए। पोडियम पर बोलते हुए मेरा गला रुंध गया। यदि यह मुझे पहले पता होता तो मैं एक स्पीच तैयार करके जाता।

हॉकी इंडिया मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अवार्ड के लिए गुरबक्श ने कहा, ओलम्पिक स्वर्ण पदक, एशियाई गोल्ड मैडल सर्वश्रेष्ठ हैं लेकिन जब आपका अपना संघ हॉकी इंडिया आपको मान्यता देता है तो उसकी बात ही अलग है।

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