ओसीए ने बीसीसीआई पर खेल को व्यावसायिक उपक्रम की तरह देखने का लगाया आरोप

Updated: Tue, Feb 10 2015 01:44 IST

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर (हि.स.) । एशियाई खेलों के लिए टीम नहीं भेजने पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के फैसले की तीखी आलोचना करते हुए एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) ने बीसीसीआई पर खेल को सिर्फ व्यावसायिक उपक्रम की तरह देखने का आरोप लगाया है ।

ओसीए अध्यक्ष शेख अहमद अल फहद अल सबाह ने पत्रकारों से कहा “उन्होंने खेलों के लिए दूसरी बार टीम नहीं भेजी। मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं लेकिन मुझे यह कहते हुए दुख है और मुझे लगता है कि उनकी खेल को बढ़ावा देने में कोई रुचि नहीं है। वे इसे व्यवसाय की तरह देखते हैं और इससे पैसे कमाना चाहते हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि वे सिर्फ वित्तीय स्थिति और इस पर ध्यान दे रहे हैं कि कैसे खेल पर नियंत्रण किया जाए। वे इसे बच्चे की तरह अपने सीने से लगाए हुए हैं लेकिन उन्हें महसूस करना होगा कि बच्चे का बड़ा होना जरूरी है।’’ क्रिकेट ने एशियाई खेलों में चार साल पहले ग्वांग्झू में पदार्पण किया था लेकिन बीसीसीआई ने तक अपनी पुरूष और महिला किसी भी टीम को प्रतियोगिता के लिए नहीं भेजा था ।

गौरतलब है कि इंचियोन में ओसीए अध्यक्ष के मनाने के बाद आयोजक क्रिकेट को बरकरार रखने पर राजी हुए लेकिन बीसीसीआई ने यहां भी अपनी टीमें नहीं भेजी। शेख अल सबाह ने कहा, ‘‘उस क्षेत्र में क्रिकेट काफी लोकप्रिय खेल है और राष्ट्रमंडल देशों में भी। यह भारत में शीर्ष खेल है। वुशु, कबड्डी, सेपकटकरा जैसे खेल जो ओलंपिक खेल नहीं हैं उनके सभी खिलाड़ी यहां प्रतिस्पर्धा पेश करते हैं। मुझे दुख है कि क्रिकेट के शीर्ष खिलाड़ियों को यहां खेलने की स्वीकृति नहीं दी जाती” ।

उन्होंने साथ ही कहा कि टीम नहीं भेजकर वे क्रिकेट को खत्म कर रहे है और अगर यही चला रहा तो यह खेल कभी ओलंपिक का हिस्सा नहीं बनेगा और राष्ट्रमंडल देशों तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने कह, ‘‘हम सभी खेलों को अच्छा माहौल मुहैया कराने के विश्वास करते हैं।’’ आईसीसी के पूर्ण सदस्यों में सिर्फ श्रीलंका और बांग्लादेश ने ही अपनी पुरूष और महिला दोनों टीमें भेजी जबकि पाकिस्तान ने यहां सिर्फ अपनी महिला टीम भेजी। चीन और दक्षिण कोरिया ने भी पुरूष और महिला दोनों वर्ग की स्पर्धाओं में हिस्सा लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील

 

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