युजवेंद्र चहल ने शेन वार्न को बताया अपना आदर्श

Updated: Thu, Jan 07 2021 22:31 IST
Yuzvendra Chahal (Image Source: Google)

भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने कहा है कि वर्ष 1993 की एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वार्न ने जिस तरह से इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गैटिंग को आउट किया था, वह गेंद हर एक लेग स्पिनर की ड्रीम डिलीवरी है। 4 जून, 1993 को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट स्टेडियम की पिच पर वार्न ने अपनी एक ऐसी गेंद पर गैटिंग को आउट किया, जिसे 'सदी की गेंद' कहा जाने लगा।

मैनचेस्टर में पहले टेस्ट के दौरान वार्न ने गैटिंग को लेग स्पिन डाला और गैटिंग के पैड की तरफ फुल फ्लाइट में छोड़ दिया। गेंद ने हवा में लेग साइड की तरफ और ज्यादा ड्रिफ्ट किया। गैटिंग उस गेंद को वाइड समझते हुए अपना बायां पैर आगे निकालकर खड़े हो गए। लेकिन गेंद टर्न लेती हुई उनके पैरों के पीछे से उनका स्टंप ले उड़ी।

चहल ने कहा, " जब मैंने शेन वार्न सर की गेंदबाजी के वीडियो देखना शुरू किया, तब मुझे पता चला कि लेग स्पिन क्या होती है। वह मेरे आदर्श हैं और मैं उनके जैसा गेंदबाजी करना चाहता हूं। मैं जिस तरह से बल्लेबाज को फंसाता था, उससे मैं इसका आनंद लेता हूं। मैंने हमेशा उनका वीडियो देखकर उनसे काफी कुछ सीखा है।"

उन्होंने कहा, " मैं उनके सभी वीडियो देखता था, और विशेष रूप से, उन्होंने जिस तरह से माइक गैटिंग को गेंदबाजी की थी, वह हर एक लेग स्पिनर की ड्रीम डिलीवरी है। मुझे लगा कि मुझे भी एक बार उसी तरह से बल्लेबाज को आउट करना चाहिए और न्यूजीलैंड दौरे के दौरान ऐसी ही हुआ, जब मैंने मार्टिन गुप्टिल को आउट किया था। मुझे लगता है कि यह मेरी स्पेशल डिलीवरी थी।"

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अब तक 54 वनडे और 45 टी-20 मैच खेल चुके चहल पहले मध्यम तेज गेंदबाज थे, लेकिन बाद में अपने पिता की सलाह पर उन्होंने लेग स्पिन करना शुरू कर दिया था।

चहल ने कहा, " शुरुआत में स्कूल में, मैं मध्यम तेज गति की गेंदबाजी करता था। बाद में, पिता ने मुझसे कहा कि मध्यम तेज गेंदबाजों को एक उचित शरीर की आवश्यकता होती है और इसमें चोटिल होने का भी खतरा होता है। बाद में पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने लेग-स्पिन गेंदबाजी करना शुरू कर दिया।

उन्होंने कहा, " मैंने महसूस किया कि गेंद लेग स्पिन हो रही थी और इससे बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी, इसलिए मुझे लेग-स्पिन गेंदबाजी करने में अधिक आनंद आता है। मुझे लगता है कि पिताजी ने मुझे इसका एहसास कराया। उन्होंने कहा मुझसे कहा कि आप क्या चाहते हैं, क्या आप मीडियम पेसर या लेग स्पिनर बनना चाहते हैं, इस पर अधिक समय है। आपको यह समझना होगा कि आप क्या करने में सक्षम है।"

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