इडुल्जी ने सीओए को एड-हॉक सीएसी बनाने से रोका था
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एथिक्स अधिकारी डी.के. जैन ने एड-हॉक क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को कथित हितों के टकराव को लेकर नोटिस भेजे हैं।
ऐसे में कपिल देव और शांता रंगास्वामी ने सीएसी से इस्तीफा दे दिया है लेकिन सवाल यह है कि क्या लोढ़ा समिति द्वारा प्रस्तावित हितों के टकराव के नियम को लागू करने में आने वाली स्वाभाविक समस्याओं को देखा जाना चाहिए? प्रशासकों की समिति (सीओए) के दो सदस्य-अध्यक्ष विनोद राय और रवि थोगड़े समिति की महिला सदस्य डायना इडुल्जी की बात अगर मान लेते तो शायद इसे लेकर हुई गफलत से बचा जा सकता था।
15 जुलाई को हुई बैठक की बातों को अगर देखा जाए तो इडुल्जी ने एड-हॉक सीएसी के गठन का यह कहते हुए विरोध किया था कि इसकी इजाजत बीसीसीआई का नया संविधान नहीं देता।
राय ने हालांकि आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अगर समिति को सीएसी के गठन में हितों के टकराव का मुद्दा नजर आता तो वह इसके गठन की इजाजत नहीं देती।
राय ने कहा, "सीओए को किसी तरह का हितों का टकराव नहीं दिखा था और इसलिए नियुक्ति की गई। अगर सीओए में इसे लेकर विचारों में विभिन्नता थी तो भी जिस सदस्य को इससे शिकायत थी उन्होंने नहीं कहा था कि उनके विचार दर्ज किया जाए।"
भारत की पूर्व महिला खिलाड़ी रंगास्वामी ने आईएएनएस से कहा कि लोगों की शिकायत करने से फर्क नहीं पड़ता लेकिन एथिक्स अधिकारी को हर शिकायत को उठा लेंगे तो यह अलग माहौल खड़ा कर देगा और पूर्व खिलाड़ियों का प्रशासन में आना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने कहा, "मैंने सीएसी से अपना इस्तीफा दे दिया है साथ ही प्लेयर्स एसोसिएशन के निदेशक पद से भी। मैं समझ सकती हूं कि लोग बाग शिकायत करेंगे लेकिन उस पर एथिक्स अधिकारी प्रतिक्रिया देने लगे तो पद पर बने रहने का मतलब नहीं है।"