गुलाबी गेंद से दिन-रात के प्रारूप में खेली जाएगी दलीप ट्रॉफी
मुंबई, 5 जनवरी | भारत का प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट दलीप ट्रॉफी इस वर्ष नए अवतार में वापसी कर रहा है। दलीप ट्रॉफी के आगामी संस्करण के मैच दिन-रात प्रारूप में खेले जाएंगे और गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा 1961-62 में शुरू किया गया दलीप ट्राफी पिछले साल व्यस्त कार्यक्रम के चलते आयोजित नहीं किया जा सका था, और अब एक साल के अंतराल के बाद यह नए कलेवर में वापसी को तैयार है।
तब से लेकर अब तक इसके प्रारूप में काफी बदलाव किए गए, लेकिन अब जो बदलाव किए गए हैं उन्हें हम अब तक के सबसे बड़े बदलावों के रूप में देख सकते हैं। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीमों के बीच हुए पहले दिन-रात्री टेस्ट मैच की सफलता को देखते हुए बीसीसीआई ने यह फैसला लिया है।
बीसीसीआई को उम्मीद है कि इससे अपनी चमक खो बैठी दलीप ट्रॉफी फिर से लोकप्रियता हासिल करेगा और यह प्रयोग लोगों का ध्यान दलीप ट्रॉफी की तरफ खींचने में सफल साबित होगा। बीसीसीआई ने जारी एक बयान में कहा है, "कार्यक्रम तय करने वाली समिति ने बैठक में दलीप ट्रॉफी के मैच दिन-रात्री के प्रारूप में गुलाबी गेंद से कराने की सिफारिश को तकनीकी समिति के पास भेजने का फैसला लिया है।"
बोर्ड ने कहा कि वह मैच के आयोजन स्थलों के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है।
बोर्ड ने कहा, "समिति ने टेस्ट मैचों में दर्शकों को आकर्षित करने के कई विकल्पों पर बात की है। 2016-17 में भारत को बांग्लादेश, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया के साथ 13 टेस्ट मैच, 10 अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच और एक अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेलना है।" दलीप ट्रॉफी में टीमों को जोन के आधार पर विभाजित किया जाता है जिनमें मध्य क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र, उत्तर क्षेत्र, दक्षिण क्षेत्र शामिल होते हैं। प्रतियोगिता के मैच नॉक आउट आधार पर खेले जाते हैं।
एजेंसी