स्मृति मंधाना ने कहा,खुद की रैंकिंग से ज्यादा टीम की जीत अहम

Updated: Tue, May 21 2019 22:26 IST
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जयपुर, 21 मई (CRICKETNMORE)| भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना ने कहा है कि नंबर-1 बल्लेबाज बनने के बारे में सोचने के बजाय उनका ध्यान इस बात पर ज्यादा रहता है कि कैसे टीम की जीत में अपना योगदान दिया जाए।

मंधाना ने कहा, " मैंने कभी नंबर-1 बल्लेबाज बनने के बारे में नहीं सोचा। मैं हमेशा यह सोचती हूं कि कैसे मैं टीम के लिए मैच जिता सकती हूं और टीम की जीत में मैं किस तरह से अपना योगदान दे सकती हूं। मैं चीजों को सरल बनाना पसंद करती हूं और इसमें सुधार करना पंसद करती हूं।" 

आईसीसी ने पिछले साल मंधाना को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर और वर्ष की सर्वश्रेष्ठ वनडे महिला बल्लेबाज का पुरस्कार प्रदान किया था। 

उपकप्तान का मानना है कि 2017 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में भारत का फाइनल तक पहुंचना महिला क्रिकेट का सबसे अच्छा समय रहा है। 

उन्होंने कहा, "एक महिला क्रिकेटर के लिए यह सबसे अच्छा समय है। दो साल पहले जब वहां एक छोटा सा टेलीविजन कवरेज था और हमारे पास अच्छे अनुबंध नहीं थे। लेकिन 2017 विश्व कप के बाद से स्थिति बदली है। कई सारी लड़कियां क्रिकेट को एक पेशेवर तरीके से ले रही है और युवा खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का आईपीएल एक अच्छा मंच होगा।" 

 

मंधाना का मानना है कि विश्व कप जीतने से महिला क्रिकेट को काफी बढ़ावा मिलेगा और इसलिए वे अपना ध्यान इस पर लगाए हुई है। 

उन्होंने कहा, "हमने अब भी विश्व कप नहीं जीता है। कई टीमों का ध्यान अब विश्व कप जीतने पर लगी हुई है।" 

मंधाना ने कहा, "हम डायना (एडुलजी), झूलन गोस्वामी, मिताली राज दी और हैरी डी (हरमनप्रीत) जैसी दिग्गजों की कड़ी मेहनत का लाभ उठा रहे हैं। मैं सूर्खियों में रहने के बारे में नहीं सोचती क्योंकि क्योंकि वे चीजें आप पर अनावश्यक दबाव डालती हैं। मेरा काम है कि मैदान पर उतरूं और अपनी टीम के लिए रन बनाऊं।" 

मंधाना बिग बैश (आस्ट्रेलिया की टी-20 लीग) और किया सुपर लीग (इंग्लैंड की टी-20 टूर्नामेंट) में भी खेल चुकी है। उनका मानना है कि भारत में क्रिकेट खेलने का यह रोमांचक समय है।

उन्होंने कहा, "जिस गति से महिला क्रिकेट भारत में आगे बढ़ रही है, मैं उससे संतुष्ट हूं। आप आईपीएल में महिलाओं की सफलता देख सकते हैं। फाइनल में 15000 दर्शक मैच देखने आए थे और एक महिला क्रिकेटर होने पर मुझे गर्व महसूस हो रहा था।"
 

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