दीप्ति का पंजा , भारत ने इंग्लैंड पर कसा शिकंजा (लीड 1)
मैच का दूसरा दिन भारत के पक्ष में रहा। भारतीय टीम जिसने अपनी पहली पारी में 428 रन बनाए थे। उन्होंने 292 रनों की बढ़त हासिल की और फॉलो-ऑन के बजाय बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
भारत की पहली पारी के बाद इंग्लैंड के लिए ब्यूमोंट और डंकली ओपनिंग करने पहुंची। डंकली ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक पाईं। वे 11 रन बनाकर आउट हुईं। इसके बाद ब्यूमोंट भी ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं रही। उन्होंने 35 गेंदों में 10 रन बनाए। कप्तान हीथर नाइट का भी बल्ला नहीं चला और वो 23 गेंदों में 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गई।
हालांकि, नट साइवर ने अच्छी बल्लेबाजी की। उनके बल्ले से इंग्लैंड की ओर से एकमात्र अर्धशतक आया। उन्होंने 70 गेंदों का सामना करते हुए 59 रन बनाए। लेकिन इस विकेट के बाद इंग्लिश टीम की बल्लेबाज ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक सकी और इस तरह पूरी टीम 136 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इंग्लैंड की टीम 35.3 ओवर ही खेल सकी।
इंग्लैंड की पहली पारी में136 रन पर खत्म होने के बाद, अपनी दूसरी पारी में दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 42 ओवरों में 186/6 रन बनाए और अपनी बढ़त 478 रनों तक पहुंचा दी।
स्टंप्स के समय, भारत की कप्तान हरमनप्रीत 67 गेंदों पर 44 रन बनाकर नाबाद रहीं। उनसे साथ पूजा वस्त्रकर 17 रन बनाकर नाबाद लौंटी। दोनों बल्लेबाजों के बीच सातवें विकेट के लिए 85 गेंदों पर 53 रन की साझेदारी हुई।
इंग्लैंड के लिए, चार्ली डीन ने 4 विकेट लिए, जबकि सोफी एक्लेस्टोन को 2 विकेट मिले।
भारत के पहले दिन 410/7 रन बनाने के बाद दूसरे दिन 19 विकेट गिरे, जिनमें से 16 स्पिनरों ने झटके। यह भारत में महिलाओं के टेस्ट मैच में एक ही दिन में गिरने वाले विकेटों की अधिकतम संख्या है, जो 1995 में इंग्लैंड के खिलाफ जमशेदपुर में एक दिन में गिरे 16 विकेटों से ज्यादा है। पहले सत्र में पांच, दूसरे में आठ और तीसरे सत्र में छह विकेट गिरे।
यह दिन स्पिनरों के दबदबे वाला दिन था और दीप्ति शर्मा से बेहतर कोई नहीं था, जिन्होंने मात्र 7 देकर 5 विकेट लिए।