पिंक गेंद के भारत की इस जोड़ी ने रचा इतिहास, खड़ा किया पहाड़ जैसा स्कोर

Updated: Tue, Sep 06 2016 00:22 IST

ग्रेटर नोएडा, 5 सितम्बर | मयंक अग्रवाल (161) के बाद चेतेश्वर पुजारा (166) और शेल्डन जैक्सन (105) के शतकों की बदौलत इंडिया ब्लू ने दलीप ट्रॉफी के तीसरे मैच में सोमवार को इंडिया ग्रीन के खिलाफ पहली पारी में 707 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर लिया। ग्रेटर नोएडा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेडियम में पहली बार गुलाबी गेंद से खेले जा रहे दिन-रात के इस चार दिवसीय मैच में कप्तान गौतम गंभीर (90) की टीम इंडिया ब्लू ने दूसरे दिन भी लगभग पूरे दिन बल्लेबाजी की। स्टुअर्ट बिन्नी की वाइफ मयंती लैंगर की हॉट और ग्लैमरस वायरल तस्वीरें को देखकर खो जाएगें आप

तीन विकेट पर 336 रन के पहले दिन के स्कोर से आगे खेलने उतरी इंडिया ब्लू की पारी को पुजारा और अभिमन्यू मिथुन (32) ने सधे अंदाज में आगे बढ़ाना शुरू किया। Photos: जब हॉट दीपिका पादुकोण के साथ युवराज सिंह ने किया रैंप वॉक

पुजारा ने मिथुन के साथ चौथे विकेट के लिए 68 रनों की, दिनेश कार्तिक (48) के साथ पांचवे विकेट के लिए 108 रनों की और परवेज रसूल (25) के साथ छठे विकेट के लिए 46 रनों की साझेदारियां निभाईं।

पुजारा 542 के कुल योग पर श्रेयष गोपाल की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो पवेलियन लौटे। उन्होंने 280 गेंदों की अपनी नायाब पारी में 24 चौके लगाए। धोनी नहीं सौरव गांगुली थे सबसे बेहतरीन कप्तान, इस भारतीय दिग्गज ने दिया ऐसा बयान

जैक्सन ने इसके बाद कर्ण शर्मा (57) के साथ आठवें विकेट के लिए 108 रनों की साझेदारी कर टीम का स्कोर 700 के करीब पहुंचा दिया। दोनों बल्लेबाजों ने 5.94 की तेज रन गति से ये रन जोड़े।

114 गेंदों की अपनी तेज तर्रार पारी में सात चौके और पांच छक्के लगाने वाले जैक्सन आखिरी विकेट के रूप में पवेलियन लौटे। श्रेयष गोपाल की गेंद पर अंकित राजपूत ने उनका कैच लिया। कर्ण शर्मा ने भी 66 गेंदों की अपनी पारी में तेज हाथ दिखाए और छह चौके तथा दो छक्के जड़े। सुरेश रैना की इंडिया ग्रीन की तरफ से श्रेयष गोपाल ने सर्वाधिक पांच विकेट चटकाए, जबकि अशोक डिडा को दो विकेट मिले। इस मैच का विजेता फाइनल में युवराज सिंह की कप्तानी वाली इंडिया रेड से भिड़ेगा। इस गेंदबाज को खेलने से डरते हैं विराट कोहली

"मैच के बाद पुजारा ने पिंक गेंद से खेलने के अनुभव के बारे में बताया कि " पिंक गेंद के खिलाफ खेलना काफी मुश्किल है, आपको डे नाइट मैच में ज्यादा एकाग्रता के साथ खेलना होता है। यह पहला मौका है जब मैं पिंक गेंद के खिलाफ बल्लेबाजी कर रहा हूं और खासर दुधिया रोशनी में पिंक गेंद की रफ्तार से पार पाना काफी मुश्किल होता है। पिंक गेंद से स्पिन गेंदबाजी के सामने बल्लेबाजी करना चुनौती भरा है, खासकर गुगली जैसी गेंद को समझ पाना खासा कठिन है।"

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