चीनी क्रिकेटर जो रणजी ट्रॉफी खेला और हिंदी -पंजाबी बोलता था
ऐसा नहीं कि दूसरे देशों के क्रिकेटर भारत में खेले नहीं पर किसी चीनी के रणजी ट्रॉफी खेलने की बात ही बड़ी अजीब लगती है। ये सच है। ये रिकॉर्ड है दिल्ली क्रिकेट के ऑलराउंडर एस.एस. ली के नाम- रणजी ट्रॉफी में खेले पहले और संभवतः ऐसा करने वाले अब तक के एकमात्र चीनी क्रिकेटर। कोई जिक्र नहीं था उनका सालों से। तेज गेंदबाज थे- प्रभावी बल्लेबाज और फुर्तीले क्षेत्ररक्षक भी। उनका अब जिक्र इसलिए कि दिल्ली में लगभग साल 72 साल की उम्र में देहांत हो गया।
दिल्ली में कई साल क्रिकेट खेले और इसी में था एक रणजी ट्रॉफी मैच। तब कप्तान थे बिशन सिंह बेदी और उन सालों में मोहिंदर अमरनाथ, मदन लाल, सुरिंदर अमरनाथ और राकेश शुक्ला जैसे खिलाड़ी दिल्ली की टीम में खेलते थे। ये भी कहा जाता है कि अगर वे किसी और टीम के लिए खेलने की कोशिश करते तो ज्यादा मैच खेल गए होते।
ऐसा नहीं है कि चीन के क्रिकेटर, चीन से बाहर खेले नहीं पर इनमें से ली को बहुत कम चर्चा मिली। सबसे चर्चित, ऐसा करने वाले क्रिकेटर रिचर्ड ची क्यू (जन्म 4 जनवरी 1971) हैं- वे ऑस्ट्रेलिया में खेले। उनसे पहले 1923 में हंटर पून ऑस्ट्रेलिया में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेले। जो मशहूरी रिचर्ड को मिली और किसी को नहीं- तेज तर्रार बल्लेबाज जो 1992-1993 से
2000-2001 तक न्यू साउथ वेल्स के लिए खेले।
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ब्रेट ली के रॉक बैंड 'सिक्स एंड आउट' का अक्सर ही जिक्र होता रहता है। उसमें ली भाइयों के साथ ये रिचर्ड भी थे- बैंड के सबसे ख़ास सिंगर। 21 फर्स्ट क्लास (1029 रन) और 24 लिस्ट ए (876 रन) मैच खेले।
जियांग शुयाओ का नाम इंग्लिश लीग में हिस्सा लेने वाले पहले चीनी क्रिकेटर के तौर पर लिया जाता है। 2013 के इंग्लिश क्रिकेट सीजन में पहली बार, तब 26 साल के, शेनयांग मूल के जियांग लिंकनशायर में क्लीथॉर्प्स क्रिकेट क्लब के लिए खेले थे- उस सीजन में क्लब के टॉप स्कोरर और कई मैच जीतने वाली पारियां खेलीं।
चीनी क्रिकेटर पाकिस्तान में भी खेले हैं पर वहां खेलना इन दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती का सबूत बनाया गया। इसके लिए एग्रीमेंट हुआ और 2018 सीजन में, चीन में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए, पाकिस्तान सुपर लीग में दो चीनी क्रिकेटर पेशावर जाल्मी टीम के लिए खेले- ये जियान ली और युफेई झांग थे। उनके खेलने की घोषणा इस्लामाबाद में एक सरकारी समारोह में हुई- उस समारोह में पाकिस्तान में चीन के तब के राजदूत झांग चुनजियांग भी शामिल हुए थे। ये दोनों तब तक चीनी टीम में खेल चुके थे।
दिल्ली में क्रिकेट खेले ली इन सबसे अलग थे। ये ठीक है कि उनकी रगों में एक चीनी का खून था पर ली का जन्म दिल्ली में हुआ, यहीं स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई की। हिंदी और पंजाबी दोनों बोल लेते थे। उनके साथ खेले क्रिकेटर बताते हैं कि बड़े मिलनसार थे। 1976 -77 में जो एकमात्र रणजी ट्रॉफी मैच खेले, उसमें 42 रन देकर 2 विकेट लिए।
वे पिछले कुछ सालों से नजरों से दूर थे। किसी से मिलते नहीं थे। अकेले रहते थे। यहां तक कि उनके निधन का पता भी देरी से ही चला।