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एक नजर 1987 के वर्ल्ड कप पर

इंग्लैंड द्वारा लगातार तीन वर्ल्ड कप की मेजबानी के बाद 1987 में वर्ल्ड कप की मेजबानी का मौका संयुक्त रूप से भारत और पाकिस्तान को मिला था। भारत द्वारा 1983 का वर्ल्ड

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1987 CRICKET WORLD CUP OVERVIEW
1987 CRICKET WORLD CUP OVERVIEW ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Feb 01, 2015 • 09:53 AM

इंग्लैंड द्वारा लगातार तीन वर्ल्ड कप की मेजबानी के बाद 1987 में वर्ल्ड कप की मेजबानी का मौका संयुक्त रूप से भारत और पाकिस्तान को मिला था। भारत द्वारा 1983 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद इस बार वर्ल्ड कप में  भारतीय उपमहाद्वीप की टीम का दावा काफी मजूबत था। तीन वर्ल्ड कप के बाद वर्ल्ड कप के नियमों में कई बदलाव किए गए। मैच में ओवरों की संख्या 60 से घटाकर 50 कर दी गई थी और मुकाबलों में निष्पक्ष अंपायरिंग के लिए दो देशों मैच में तीसरे देश का अंपायर का अंपायरिंग करना शुरू हुआ। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
February 01, 2015 • 09:53 AM

पिछले वर्ल्ड कप की तरह इस बार भी 8 टीमों ने हिस्सा लिया और दोनों को दो ग्रुप में बांटा गया।  ग्रुए ए में भारत, ऑस्ट्रिलया,न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे थी जबकि ग्रुप भी में पाकिस्तान,इंग्लैंड,न्यूजीलैंड और श्रीलंका की टीम को रखा गया।

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 मौजूदा चैंपियन भारत ने शानदार प्रदर्शन किया और अपने ग्रुप में टॉप पर रही। भारत औऱ ऑस्ट्रेलिया दोनों ने ही अपने खेले गए 6 मुकाबलों में से 5 मुकाबलों नें जीत हासिल की थी। दोनों ने एक-एक बार एक दूसरे को हराया था। लेकिन नेट रन रेट के आधार पर भारत को अपने ग्रुप में पहला स्थान मिला था और ऑस्ट्रेलिया को दूसरा। न्यूजीलैंड 2 मैच जीतकर तीसरे स्थान पर थी और जिम्बाब्वे को एक भी जीत नसीब नहीं हुई थी।  

दूसरी तरफ ग्रुप भी में पाकिस्तान ने 6 मैचों में से 5 में जीत हासिल कर अपने ग्रुप में टॉप किया था और 6 मैचों में 4 जीत के साथ इंग्लैंड नंबर दो पर थी। शुरूआती दो वर्ल्ड कप में चैंपियन रही वेस्टइंडीज की टीम 6 में से 3 में जीत और 3 में हार मिली थी। ऐसा पहली बार हुआ था कि वेस्टइंडीज की वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में नहीं पहुंची थी। श्रीलंका की हालत भी बहुत खस्ता थी और 6 के 6 मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा था।  

लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम  में हुए पहले सेमीफाइनल में पाकिस्तान का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ और मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 8 विकेट के नुकसान पर 267 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। पाकिस्तान की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज इमरान खान रहे थे जिन्होंने तीन विकेट चटकाए थे। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से डेविड बून ने 65 औ माइक वेलेट ने 48 रन की पारी खेली। इसके अलावा डीन जोन्स 38 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी।  

ऑस्ट्रेलिया के 267 रन के जवाब में पाकिस्तान ने अपने तीन विकेट केवल 38 रन के स्कोर पर हीं गवां दिए लेकिन इसके बाद जावेद मियांदाद और इमरान खान ने पाकिस्तान की पारी को संभाला और चौथे विकेट के लिए 112 रन की साझेदारी करी। मियांदाद ने 70 और इमरान खान ने 58 रन की बेहतरीन पारी खेली।  लेकिन इन दोनों के आउट होने के बाद कोई और बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाया। अंत में  सलीम यूसुफ 21 रन और अब्दुल कादिर 20 रन की बदौलत पाकिस्तान 249 रन के स्कोर तक हीं पहुंच सका और 18 रन से मैच हार गया और ऑस्ट्रेलिया दूसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से क्रेग मैकडरमोट ने सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए थे। 

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मेजबान भारत का मुकाबला इंग्लैंड से हुआ। इंग्लैंड को ठीक-ठाक शुरूआत मिली और ग्राहम गूच और माइक गैटिंग की जोड़ी ने जमकर चौकों-छ्क्कों की बरसात करी और तीसरे विकेट के लिए 117 रन जोड़े। ग्राहम ने शानदार शतक (115 रन) लगाया और गैटिंग ने 56 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली और इंग्लैंड ने निर्धारित 50 ओवरों में 254 रन का स्कोर खड़ा किया।  इसके जवाब में मोहम्मद अजहरूद्दीन 64 ,श्रीकांत 31 और कप्तान कपिल देव के 30 रन की पारी की बदौलत भारत 45.3 ओवर में केवल 219 रन ही बना सका और 35 रन से हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गया। 

कोलकाता के ईडन गार्डन में हुए फाइनल मैच में इंग्लैंड का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और डेविन बून 75, माइक वेलेटा 45 और डीन जोन्स के 33 रन की बदौलत निर्धारित 50 ओवर में पांच विकेट पर 253 रन बनाए। इसके जवाब में इंग्लैंड की शुरूआत खराब रही और 1 रन के कुल स्कोर पर ही उसने अपना पहला विकेट गंवा दिया। इसके बाद ग्राहम गूच 35 रन औऱ बिल एथे 58 रन ने इंग्लैंड की पारी को संभाला। इन दोनों के आउट होने के बाद माइक गैटिंग (41 रन) और एलन लैंब (45 रन) ने इंग्लैंड को जीत की औऱ बढ़ाने का जिम्मा संभाला। जब तक यह दोनों क्रीज पर थे तो लग रहा था की इंग्लैंड जीत जाएगी लेकिन एलन बॉर्डर ने गैटिंग को और स्टीव वॉ ने एलन लैंब को आउट कर के इंग्लैंड के सपनों पर पानी फेर दिया। दोनों के आउट होने के बाद क्रीज पर आए सारे बल्लेबाज फिसड्डी साबित हुए और इंग्लैड 8 विकेट के नुकसान पर 246 बनाकर महज 7 रन से मैच हार गई। क्रिकेट के जनक इंग्लैंड ने वर्ल्ड चैंपियन बनने का एक और मौका गंवा दिया था और ऑस्ट्रेलिया पहली बार वर्ल्ड कप चैंपियन बना था।

सौरभ शर्मा/CRICKETNMORE

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