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वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे रोमांचकारी मुकाबला

1999 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया औऱ साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया सेमीफाइनल इस बात को सही साबित करता है। ये मैच आज तक वर्ल्ड कप में खेले गए मैचों में सबसे रोमांचकारी मैच के तौर पर याद किया जाता

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma January 28, 2015 • 06:40 AM
Australia vs south africa 1999 world cup semi-fina
Australia vs south africa 1999 world cup semi-fina ()
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कहा जाता है कि क्रिकेट इज एन अनप्रडिक्टेबल गेम जब तक आखिरी गेंद न फिक जाए नतीजा कुछ भी हो सकता है। 1999 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया औऱ साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया सेमीफाइनल इस बात को सही साबित करता है। ये मैच आज तक वर्ल्ड कप में खेले गए मैचों में सबसे रोमांचकारी मैच के तौर पर याद किया जाता है। 

17 जून 1999 को इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले गए सेमीफाइनल मैच में साउथ अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोन्ये ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। साउथ अफ्रीकन पेस गेंदबाज शॉन पोलक और एलन डोनॉल्ड ने धारदार गेंदबाजी करके ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाजो की बोलती बंद कर दी थी। सिर्फ माइकल बेवन और कप्तान स्टीव वॉ ही मैच में अच्छी बल्लेबाजी कर पाए थे , दोनो ने अर्धशतक बनाकर ऑस्ट्रेलिया को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था। शॉन पोलक ने ऑस्ट्रेलिया के पांच बल्लेबाजों को आउट कर शानदार परफॉर्मेंस करी थी तो वही साथी तेज गेंदबाज एनल डोनाल्ड ने पोलक का भरपूर साथ देते हुए 4 विकेटों पर अपना कब्जा किया था।

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ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका के सामने सिर्फ 213 रन का लक्ष्य रखा । 

213 रन का लक्ष्य पाकर साउथ अफ्रीकन टीम बेहद ही खुश थी, लेकिन क्रिकेट के खेल ने करवट लेते हुए मैच को बेहद ही रोमांचकारी बना दिया था। लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम की भी शुरूआत भी बेहद खराब रही और उसके 4 विकेट केवल 61 रन पर गिर गए ।

ऐसा लगने लगा था कि मैच साउथ अफ्रीका के पाले से बाहर चला जाएगा । लेकिन जैक कैलिस और जोंटी रोड्स ने अफ्रीका की पारी को संभाला औऱ टीम का स्कोर 145 तक ले गए थे। लेकिन उसी समय रोड्स को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज रेइफ्फेल ने आउट कर ऑस्ट्रेलिया को मैच में फिर से वापस ला दिया था। अब संकट साउथ अफ्रीका की टीम पर था। टीम अफ्रीका को अभी भी जीत के लिए लगभग 68 रन 54 गेंद पर बनानें थे और 5 विकेट अफ्रीका के हाथ में थे। लेकिन उसी पल अपनी घुमती गेंदों से पूरे टूर्नामेंट में बल्लेबाजों को परेशान करने वाले महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने कैलिस को आउट कर साउथ अफ्रीका को बड़ा झटका दिया था। 6 विकेट 175 रन पर अफ्रीका के गिर गए थे। अब आखिरी के 30 गेंद पर 38 रन की दरकार थी। इसके बाद तो साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों का पतन शुरू होने लगा था जिसके चलते ही 9 विकेट साउथ अफ्रीका के 198 रन पर आउट हो गए । लेकिन दूसरे छोर पर लांस क्लूजनर ने अपनी बल्लेबाजी से साउथ अफ्रीका के खेमें में राहत की उम्मीद बरकरार रखी थी । क्योंकि क्लूजनर एक छोर से तेजी से रन बनाते जा रहे थे, जिससे कहीं ना कहीं लगने लगा था कि क्लूजनर अपने बल्लेबाजी से साउथ अफ्रीकी टीम के लिए इतिहास रच देगें । हालांकि मैच में इतिहास तो रचा गया था पर उस इतिहास के पृष्ठभूमी में साउथ अफ्रीकी टीम को मायूसी हाथ लगी ।

वो आखिरी ओवर 


साउथ अफ्रीका के अंतिम जोड़ी के रूप में एलन डोनॉल्ड और लांस क्लूजनर मैदान पर मौजूद थे। साउथ अफ्रीका को 6 गेंद पर 9 रन की दरकार था। ऑस्ट्रेलियन कप्तान स्टीव वॉ ने क्लूजनर को रोकने के लिए आखरी ओवर के लिए डेमियन फ्लेंमिंग को गेंदबाजी अटैक पर लगाया । 

अब स्ट्राइक पर क्लूजनर फ्लैमिंग की गेंदबाजी का सामना करने के लिए तैयार थे तो वहीं प्लेमिंग गेंद फेंकने के लिए अंपायर के इशारे का इंताजार कर रहे थे।  सभी क्रिकेट प्रेमियों की धड़कन तेज गति से धड़क रही थी। पहली गेंद पर क्लूजनर ने कवर और लॉग ऑफ के बीच से गेप में शॉट खेलकर चौका जड़ा, इसके बाद अब साउथ अफ्रीका को जीत के लिए केवल 5 रनों की जरूरत थी। साउथ अफ्रीका को विश्वास था कि अब चमत्कार होने ही वाला है , ऐसा इसलिए क्योंकि दूसरी गेंद पर क्लूजनर ने एक बार फिर से लॉग ऑफ पर चौका जड़ कर टीम अफ्रीका को इतिहास लिखने के करीब लाकर खड़ा कर दिया था। अब दोनों टीम का स्कोर बराबरी पर था। यहीं पर स्टीव वॉ ने एक चाल चली, वॉ जानते थे कि यदि अफ्रीका की टीम को टाई पर भी रोक दिया जाए तो ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में खेलने का अधिकार मिल जाएगा । इसी रणनीति पर काम करते हुए कप्तान स्टीव वॉ ने रन रोकने के लिए फील्डरों को 30 गज के घेरे के समीप लाकर खड़ा कर दिया था। मैच अब अपने निर्णायक दौर पर पहुंच चुका था। 50वें ओवर के तीसरी गेंद का इंतजार अब पूरी दुनिया कर रही थी । जैसे – जैसे फ्लेमिंग गेंद लेकर अपने रनरअप से गेंदबाजी करने के लिए दौड़े चले आ रहे थे , वहां मौजूद हर एक शख्स सांसों को थामे हुए मैच को देख रहा था। फ्लेमिंग ने तीसरी गेंद शॉट डाली जिसे क्लूजनर पूल करना चाहते थे पर गेंद पर बल्ले सही तरह से नहीं आयी और शॉट मिडऑन पर खड़े फिल्डर डैरेन लेहमन के पास गई , लेहमन ने बिना समय गवाएं गेंद को नॉन स्टाइक एंड पर फेंक दिया , वो तो गनीमत था कि थ्रो स्टंप पर नहीं लगा वरना मैच वहीं खत्म हो गया होता । एलन डोनाल्ड रन आउट होने से  बाल – बाल बचे थे। एक बार फिर मैच अपने रोमांच की चरम सीमा पर था। चौथी गेंद डालने के लिए फ्लेमिंग फिर से अपने रनरअप पर थे, क्लूजनर स्ट्राइक पर मौजूद थे । साउथ अफ्रीका को 3 गेंदों पर केवल 1 रन बनाना था पर फ्लेमिंग ने क्लूजनर को चौथी गेंद यॉर्कर लेंथ पर करी जिसपर क्लूजनर ने किसी तरह शॉट खेला और रन लेने के लिए दौड़ पड़े लेकिन दुर्भाग्य से एलन डोनाल्ड क्लूजनर की रन लेने की कॉल को सुन नहीं पाए और वो आगे दौड़ने के बजाय नॉन स्ट्राइक एंड पर वापस लौटने लगे । जब क्लूजनर नॉन स्ट्राइकर एंड पर पहुंच गए थे तब जाकर डोनाल्ड आगे की तरफ दौड़ लगाने के लिए भागे लेकिन तब तक मार्क वॉ विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट की तऱफ थ्रो फेंक चुके थे । डोनाल्ड के पास समय नहीं बचा था कि वो सही सलामत स्ट्राइक एंड पर पहुंच सके। गिलक्रिस्ट ने कोई गलती नहीं करी और गेंद को ग्लव्ज़ में कैद करते ही स्टंप पर दे मारी और इस तरह डोनाल्ड बड़े आसानी से रन आउट हो गए । ऑस्ट्रेलिया ने अपनी चुस्त और लाजावब फिल्डिंग से साउथ अफ्रीका के साथ मैच को टाई कर दिया था। लेकिन सुपर सिक्स में अपने बेहतरीन रन रेट के आधार पर ऑस्ट्रेलिया की टीम फाइनल में प्रवेश कर चुकी थी। । तो वहीं साउथ अफ्रीकी टीम के लिए यह मैच एक बुरे सपने की तरह इतिहास में दर्ज हो गया था। 

इस रोमांचकारी मैच के साथ – साथ वर्ल्ड कप के इतिहास में यह पहला मौका था जब कोई मैच टाई हुआ था। अपने रहस्यमई फिरकी से 4 साउथ अफ्रीकन बल्लेबाजों को आउट करने वाले स्पिनर शेन वॉर्न को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया था। लांस क्लूजनर ने केवल 16 गेंद पर 31 रन बनाएं थे। लेकिन क्लूजनर का यह परफॉर्मेंस केवल एक याद बनकर रह गया था जो इतिहास के पन्नों में एक हार के रूप में दर्ज हो गया । लेकिन आज भी एक सवाल जिंदा है कि क्लूजनर ने उस दिन रन लेने में इतनी हड़बड़ी क्यों दिखाई थी।  


 

          


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