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ब्रिल्यन्ट बांग्लादेश के सामनें पस्त हुए भारतीय शेर

2007 का वर्ल्ड कप भारत की टीम के लिए बेहद ही मायूसी से भरा रहा था । भारत की टीम अहम मुकाबले में हार कर सुपर सिक्स में पहुंचने में नाकाम रही थी।

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Mashrafe Mortaza, Bangladesh Beat India in 2007 Wo
Mashrafe Mortaza, Bangladesh Beat India in 2007 Wo ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jan 28, 2015 • 05:46 AM

2007 का वर्ल्ड कप भारत की टीम के लिए बेहद ही मायूसी से भरा रहा था । भारत की टीम अहम मुकाबले में हार कर सुपर सिक्स में पहुंचने में नाकाम रही थी। टीम को इस हालत में पहुंचानें में बांग्लादेश की टीम का सबसे बड़ा हाथ था। 8 मार्च 2007 को वेस्टइंडीज के पोर्ट ऑफ स्पेन पर हुए मैच में बांग्लादेश की टीम ने भारतीय टीम को पराजित कर वर्ल्ड कप जीतने के सपनें को तोड़ कर रख दिया था। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
January 28, 2015 • 05:46 AM

किसी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि बांग्लादेश जैसी कम अनुभव वाली टीम भारत की टीम को टक्कर दे पाएगी। 8 मार्च को पोर्ट ऑफ स्पेन पर राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। जहां बांग्लादेश की टीम कम अनुभव खिलाड़ियों से भरी थी तो वहीं भारतीय टीम में कई स्टार खिलाड़ी थे। लेकिन बांग्लादेश की टीम ने उस मैच में जो कमाल की परफॉर्मेंस करी उससे भारतीय बल्लेबाजों को फिसड्ड़ी बना दिया। 

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पहले तो भारत के ओपनर विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को मशरफे मोर्तजा ने क्लीन बोल्ड कर भारत की टीम को अप्रत्याशित झटका देकर दवाब में ला दिया। भारत की टीम के स्कोर में सिर्फ 15 रन ही जुड़े थे कि मोर्तजा ने रॉबिन उथ्प्पा को आउट कर भारत के दोनों ओपनर बल्लेबाजों को पवेलियन में भेजकर भारत को बैक फुट पर लाकर खड़ा कर दिया।

हालांकि भारत के पास एक से बढ़कर एक धुरंधर बल्लेबाज थे पर उस रोज जो कारनामा बांग्लादेशी गेंदबाजों ने किया वो भारत के चोटी के बल्लेबाजों के समझ से परे रहा औऱ देखते ही देखते एक के बाद भारत के बड़े- बड़े बल्लेबाज पवेलियन की राह पकड़ते रहे। यहां तक की राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर बांग्लादेशी स्पिन गेंदबाजों के घुमाव में इस तरह से फंसे की दोनों बल्लेबाज पिच पर बेहद ही असहज नजर आए। भारत के तरफ से केवल सौरव गांगुली और युवराज सिंह ने संभल कर बल्लेबाजी करी और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में अहम किरदार निभाया । पोर्ट ऑफ स्पेन की पिच पर बांग्लादेशी गेंदबाज इस तरह से भारतीय बल्लेबाजों पर हावी रहे कि गांगुली जैसे बल्लेबाज ने 66 रन बनाने के लिए 129 बॉल का सामना करना पड़ा था। युवराज सिंह ने भी सामान्य बल्लेबाजी करी और 58 गेंद पर 47 रन की पारी खेली जिसमें 1 छक्का और 3 चौका शामिल था। गांगुली औऱ युवराज सिंह के साहसी पारी के चलते भारत की टीम किसी तरह गिरते-पड़ते 49.3 ओवरों में 191 रन बना ही सकी। 

वैसे भारत के पास बांग्लादेश के गेंदबाजों की तुलना में बेहतरीन गेंदबाज थे पर उस रोज जैसे भारतीय बल्लेबाज बांग्लादेश के युवा टीम के सामने फिसड्डी साबित हुई उसी तरह भारतीय गेंदबाजों को भी सांप सूंघ गया था।

बांग्लादेश की शुरूआत हालांकि अच्छी नहीं थी और जहीर खान ने शहरयार नफीस को एलबीडबल्यू आउट कर भारत को भरोसा जरूर दिया कि भारत मैच जीत सकता है पर ओपनर बल्लेबाज तमीम इक़बाल और पहला विकेट गिरने के बाद मैदान पर आए बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम ने संभल कर बल्लेबाजी करी। तमीम इकबाल ने 53 बॉल पर 51 रन की तेज – तर्रार बल्लेबाजी करके भारतीय गेंदबाजों की उम्मीद पर पानी फेर दिया। इकबाल ने अपने अर्ध शतकीय पारी में 2 जबरदस्त छक्कों सहित 7 चौके जड़े। 69 रन पर इकबाल के रूप में बांग्लादेश का दूसरा विकेट गिरा। अफताब अहमद को मुनफ पटेल ने जल्द ही पवेलियन की राह दिखाकर भारत की मैच में वापसी कराई ।

3 विकेट 79 रन पर निकाल लेने के बाद भी भारत की खुशी ज्यादा देर तक टिकी नहीं रह सकी। बांग्लादेश के हरफनमौला खिलाड़ी शाकिब अल हसन ने मुशफिकुर रहीम के साथ चौथे विकेट के लिए 84 रन की पार्टनरशिप कर बांग्लादेश की टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया था । शाकिब अल हसन ने 53 रन की पारी खेली तो वहीं मुशफिकुर रहीम ने अंत तक बल्लेबाजी करते हुए 56 रन की पारी खेलकर बांग्लादेश को जीत दिला दी। बांग्लादेश ने 48.3 ओवरों में 5 विकेट पर 192 रन बनाकर मैच जीत लिया था । 

बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मशरफे मोर्तजा के उनके बेहतरीन गेंदबाजी परफॉर्मेंस के लिए मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया । मशरफे मोर्तजा ने अपने 9.3 ओवरों में केवल 38 रन देकर 4 भारतीय बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी। 

बांग्लादेश से मैच हार जाने की वजह से ही इंडियन टीम को 2007 वर्ल्ड कप में भारी नुकसान सहना पड़ा था जिसके चलते इंडियन टीम 2007 वर्ल्ड कप में लीग मैचों तक ही सिमट कर रह गई थी। 

विशाल भगत/CRICKETNMORE

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