भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने कहा है कि वर्ष 1993 की एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वार्न ने जिस तरह से इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गैटिंग को आउट किया था, वह गेंद हर एक लेग स्पिनर की ड्रीम डिलीवरी है। 4 जून, 1993 को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट स्टेडियम की पिच पर वार्न ने अपनी एक ऐसी गेंद पर गैटिंग को आउट किया, जिसे 'सदी की गेंद' कहा जाने लगा।
मैनचेस्टर में पहले टेस्ट के दौरान वार्न ने गैटिंग को लेग स्पिन डाला और गैटिंग के पैड की तरफ फुल फ्लाइट में छोड़ दिया। गेंद ने हवा में लेग साइड की तरफ और ज्यादा ड्रिफ्ट किया। गैटिंग उस गेंद को वाइड समझते हुए अपना बायां पैर आगे निकालकर खड़े हो गए। लेकिन गेंद टर्न लेती हुई उनके पैरों के पीछे से उनका स्टंप ले उड़ी।
चहल ने कहा, " जब मैंने शेन वार्न सर की गेंदबाजी के वीडियो देखना शुरू किया, तब मुझे पता चला कि लेग स्पिन क्या होती है। वह मेरे आदर्श हैं और मैं उनके जैसा गेंदबाजी करना चाहता हूं। मैं जिस तरह से बल्लेबाज को फंसाता था, उससे मैं इसका आनंद लेता हूं। मैंने हमेशा उनका वीडियो देखकर उनसे काफी कुछ सीखा है।"