Advertisement

अश्विन के कोच को भी नहीं हो रहा यकीन, बोले- 'अगला WTC सर्कल भी खेलना चाहिए था'

भारतीय क्रिकेट टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने रिटायरमेंट लेकर हर किसी को हैरान कर दिया है। अब अश्विन के बचपन के कोच ने भी उनकी रिटायरमेंट पर चुप्पी तोड़ी है।

Advertisement
अश्विन के कोच को भी नहीं हो रहा यकीन, बोले- 'अगला WTC सर्कल भी खेलना चाहिए था'
अश्विन के कोच को भी नहीं हो रहा यकीन, बोले- 'अगला WTC सर्कल भी खेलना चाहिए था' (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Dec 19, 2024 • 10:36 AM

भारत के सबसे बेहतरीन रेड-बॉल स्पिनर्स में से एक रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया। इस अचानक लिए गए फैसले ने अश्विन के बचपन के कोच सुनील सुब्रमण्यम को भी हैरान कर दिया, जिनका मानना ​​था कि दिग्गज स्पिनर में 2025-2027 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र तक भारत के लिए खेल सकता था।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
December 19, 2024 • 10:36 AM

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच के ड्रॉ होते ही अश्विन कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए और उन्होंने तीनों फॉर्मैट से अपने संन्यास का ऐलान कर दिया। रोहित शर्मा ने बाद में खुलासा किया कि अश्विन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाकी बचे मैचों के लिए टीम के साथ नहीं रहेंगे और 19 दिसंबर को भारत लौट आएंगे।

Trending

Rediff.com से बात करते हुए, सुब्रमण्यन ने अश्विन के फैसले को स्वीकार किया लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें लगता है कि स्पिनर कम से कम कुछ और साल खेल सकता था। सुब्रमण्यन ने कहा, "मैं बहुत हैरान था। वो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-2027 चक्र में खेल सकते थे, काफी सारे घरेलू टेस्ट थे, उसके बाद वो खेल छोड़ सकते थे। लेकिन अब वो रिटायर हो चुके हैं, हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए, शायद उनके अपने कारण रहे होंगे।"

आगे बोलते हुए अश्विन के कोच ने कहा, "वो बिल्कुल निडर थे। वो हमेशा नई चीजों को आजमाना चाहते थे, खुद को विकसित करना चाहते थे, असफलताएं उन्हें बेहतर करने के लिए प्रेरित करती थीं। वो हमेशा एक सोचने वाले व्यक्ति थे। वो अपने आप में एक व्यक्ति थे। ये उनकी निडरता थी, अश्विन बिल्कुल निडर थे। दिमाग हमेशा पहले प्रतिक्रिया करता था, वो एक बुद्धिमान क्रिकेटर थे, एक अच्छी सोच वाले क्रिकेटर थे।"

Also Read: Funding To Save Test Cricket

अगर अश्विन के करियर की बात करें तो अश्विन ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के लिए पदार्पण किया। अगले दशक में, उन्होंने भारत के टेस्ट सेटअप में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली। 113 टेस्ट मैचों में अश्विन ने असाधारण औसत से 537 विकेट लिए और बल्ले से 3,500 से ज़्यादा रन बनाए। उनके हरफनमौला प्रदर्शन के चलते भारतीय टीम ने कई मैच जीते लेकिन अब अश्विन भारत के लिए नहीं खेलेंगे ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि अब उनकी जगह कौन सा खिलाड़ी भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करता है।

Advertisement

Advertisement