'हिटमैन' रोहित शर्मा यूं ही हो रहे हैं बदनाम, विराट कोहली और हार्दिक पांड्या भी तोड़ चुके हैं कोविड प्रोटोकॉल
India vs Australia: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी के मैदान पर तीसरे टेस्ट मैच से पहले विवाद खड़ा हो चुका है। टीम इंडिया के उपकप्तान रोहित शर्मा नए साल के दिन मेलबर्न में गिल, शॉ, पंत और सैनी के
India vs Australia: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी के मैदान पर तीसरे टेस्ट मैच से पहले विवाद खड़ा हो चुका है। टीम इंडिया के उपकप्तान रोहित शर्मा नए साल के दिन मेलबर्न में गिल, शॉ, पंत और सैनी के साथ एक रेस्तरां में देखे गए थे। ऑस्ट्रेलिया में कोविड प्रोटोकॉल के तहत खिलाड़ियों को सामाजिक दूरी का पालन करना होता है।
रेस्तरां में देखे जाने के बाद रोहित, गिल, शॉ, पंत और सैनी सभी भारतीयों खिलाड़ियों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है। साथ ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि इन खिलाड़ियों ने नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के खिलाड़ियों द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लघंन किया गया हो।
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इससे पहले सोमवार 7 दिसंबर को, भारत के कप्तान विराट कोहली, हार्दिक पांड्या के साथ सिडनी में एक दुकान पर शॉपिंग करने के लिए गए थे। दुकान के कर्माचारियों को विराट और हार्दिक के साथ तस्वीरें लेते हुए देखा गया था। कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुई थीं। इन तस्वीरों में गौर करने वाली बात यह थी कि हार्दिक और विराट बिना मास्क के नजर आ रहे थ।
इस पूरे मामले पर एक अधिकारी ने द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड और द एज से बातचीत के दौरान कहा था कि कोहली और पांड्या को मास्क पहनना चाहिए था जब वे अंदर चले गए थे। वहां पर नियमों का उल्लंघन हुआ था लेकिन वह गलती इतनी बड़ी नहीं थी क्योंकि खिलाड़ियों द्वारा बाकी समय नियमों का पालन किया गया था।
वहीं इस घटना के अलावा एक अन्य घटना हुई थी जब कुछ भारतीय खिलाड़ियों को देर रात कॉफी शॉप के बाहर स्पॉट किया गया था। उनमें से कुछ खिलाड़ियों ने शॉप के अंदर जाकर ऑर्डर भी दिया था हालांकि बाद में वह बाहर आकर बैठे थे शॉप में कोई भी खिलाड़ी नहीं बैठा था।
हालांकि उस वक्त भी जो खिलाड़ी अंदर गए थे, उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार मास्क पहनना चाहिए था लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला। यह दोनों ही घटना क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के बबल दिशानिर्देशों के उल्लंघन के मामले में इतने गंभीर नहीं थे जिसके चलते इसपर कोई सख्त कार्यवाई नहीं की गई थी।