कोरोना में जीवन चलाने के लिए फूड डिलीवरी का काम कर रहा है यह क्रिकेटर, कहा- 2020 वर्ल्ड कप होता तो नहीं आती ऐसी नौबत
कोविड-19 महामारी ने कई लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है। समाज के किसी भी तबके का आदमी इससे अछूता नहीं रहा है। क्रिकेट भी इससे बचा नहीं है। अधिकतर लोगों को वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा है। भारत,
कोविड-19 महामारी ने कई लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है। समाज के किसी भी तबके का आदमी इससे अछूता नहीं रहा है। क्रिकेट भी इससे बचा नहीं है। अधिकतर लोगों को वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा है। भारत, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया जैसे सम्पन्न देश तो धीरे-धीरे इससे बाहर आ रहे हैं और क्रिकेट की शुरुआत भी कर रहे हैं, लेकिन नीदरलैंड्स, अफगानिस्तान, नामीबिया, नेपाल जैसे देशों के लिए अभी भी स्थिति अच्छी नहीं है। यह देश क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित कराने और अपने क्रिकेटरों का ख्याल रखने में भी संघर्ष कर रहे हैं।
नीदरलैंड्स के क्रिकेटर पॉल वान मीकेरेन द्वारा किया गया हालिया ट्वीट इस बात का आभास कराता है कि दूसरी श्रेणी के क्रिकेट देशों के खिलाड़ी किस स्थिति से गुजर रहे हैं। नीदरलैंड्स के 27 वर्षीय तेज गेंदबाज, जिन्होंने अपना आखिरी वनडे जिम्बाब्वे में 2019 के खिलाफ खेला था, बताया कि वह लॉकडाउन के दौरान फूड डिलीवरी करने का काम कर रहे थे।
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ईएसपीएनक्रिकइंफो ने रविवार को ट्वीट कर बताया कि अगर कोविड महामारी नहीं आती तो टी-20 विश्व कप-2020 इस समय खत्म हो गया होता।
इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए मीकेरेन ने विश्व कप न खेल पाने पर दुख व्यक्त किया और बताया कि वह जीवनयापन करने के लिए खाने की डिलीवरी कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा, "मैं आज के दिन क्रिकेट खेल रहा होता लेकिन इस समय सर्दियों के महीने निकालने के लिए मैं ऊबर इट्स पर डिलीवरी कर रहा हूं। चीजें किस तरह से बदलती हैं, अजीब है ना। हंसते रहिए।"
नीदरलैंड्स में कुल चार लाख लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे जिसमें से 8,000 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।
मीकेरेन ने अपने देश के लिए पांच वनडे, 41 टी-20 खेले हैं और क्रमश: चार और 47 विकेट लिए हैं।