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'मुझे भारतीय टीम से बाहर किया गया, इंडिया A के लिए चुना गया केवल ड्रिंक ले जाने के लिए'

टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज जिन्होंने भारत के लिए 1 टेस्ट और 20 वनडे मैच खेले हैं उन्होंने अपने जीवन का एक काला अध्याय सुनाया है। गेंदबाज ने बताया है कि कैसे वो क्रिकेट से अलग हो गए थे।

Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma June 18, 2022 • 13:38 PM
Cricket Image for Former Fast Bowler Salil Ankola Narrated A Dark Chapter Of His Life
Cricket Image for Former Fast Bowler Salil Ankola Narrated A Dark Chapter Of His Life (Salil Ankola)
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जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन, भुवनेश्वर कुमार के रूप में पिछले कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट में शानदार गेंदबाज आए। 1970 और 80 के दशक में कपिल देव, बिशन सिंह बेदी के बाद, 1990 के दशक में अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ, वेंकटेश प्रसाद और अजीत अगरकर का उदय हुआ ये सिलसिला यूं ही बढ़ता गया लेकिन जब ये नाम महानता हासिल कर रहे थे तो उस ही समय में कई नाम धूमिल होते जा रहे थे।

इन्हीं धूमिल होते नामों में एक नाम था पूर्व तेज गेंदबाज सलिल अंकोला का। मुंबई के पूर्व तेज गेंदबाज जिन्होंने 1989 में सचिन तेंदुलकर के साथ डेब्यू किया था उन्होंने टीम इंडिया के लिए एक टेस्ट और 20 वनडे मैच खेले। सलिल अंकोला ने अपने जीवन का एक काला अध्याय सुनाया है जिसे वो आजतक नहीं भूल पा रहे हैं।

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एक जाने माने वेब पोर्टल के साथ बातचीत के दौरान अंकोला ने कहा, 'कई बार मुझे टीम इंडिया से ड्रॉप किया गया लेकिन इंडिया A के लिए चुना जाता था, केवल इसलिए ताकि मैं ड्रिंक ले जाने का काम कर सकूं। 2001 के बाद से मैं पूरी तरह से क्रिकेट से दूर हो गया था। 2001 में मैंने एक बड़ी गलती की थी सोनी ने मुझे क्रिकेट में नौकरी की पेशकश की और मैंने मना कर दिया।' 

सलिल अंकोला ने आगे कहा, 'मुझे नहीं पता क्यों। मुझे नहीं पता कि मैंने ऐसा मूर्खतापूर्ण फैसला क्यों लिया, लेकिन मैंने मना कर दिया। शायद मैं क्रिकेट से इतना प्रभावित हो गया था कि मैंने खेल देखना बंद कर दिया। मैं तब लगभग 52 साल का था। एक बार जब आप 50 पार कर लेते हैं, तो आपकी धारणा बदल जाती है। मुझे नहीं पता कि कैसे और क्यों, लेकिन यह होता है।'

सलिल अंकोला ने कहा, 'आप महसूस करते हैं कि आप बहुत सी चीजों के बारे में अडिग थे लेकिन वास्तव में उन चीजों का कोई मतलब नहीं था। वे केवल आपको परेशान करने के लिए थीं। क्रिकेट में वापस नहीं जाने के मेरे उदाहरण की तरह। लेकिन मैं वास्तव में क्रिकेट को मिस कर रहा था।'

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बतौर कोच करना चाहते थे वापसी
मैं बतौर कोच वापसी करना चाहता था। लेकिन जब मैंने देखा कि माहौल क्या है तो मुझे एहसास हुआ कि कोचिंग मेरे लिए नहीं है। 1990 के दशक में कोचिंग और अब की कोचिंग में बहुत बड़ा अंतर है। मैंने एनसीए में लेवल 2 के कोच के लिए नामांकन भी किया था, लेकिन फिर मैंने राहुल [द्रविड़] को लिखा और कहा कि मैं नहीं आ पाऊंगा क्योंकि मैं खुद को कोच के रूप में नहीं देखता। मुझमें इतना सब्र नहीं है  बहुत गुस्से वाला आदमी हूं।


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