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न्यूज़ीलैंड का क्रिकेटर निकला 'Gay', 50 साल की उम्र में कबूला सच

न्यूज़ीलैंड के पूर्व क्रिकेटर हीथ डेविस ने 50 साल की उम्र में चौंकाने वाला खुलासा किया है।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav August 02, 2022 • 11:29 AM
Cricket Image for न्यूज़ीलैंड का क्रिकेटर निकला 'Gay', 50 साल की उम्र में कबूला सच
Cricket Image for न्यूज़ीलैंड का क्रिकेटर निकला 'Gay', 50 साल की उम्र में कबूला सच (Image Source: Google)
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2 अगस्त, 2022 को न्यूज़ीलैंड के पूर्व क्रिकेटर हीथ डेविस ने एक ऐसा खुलासा किया जिसने क्रिकेट जगत में भूकंप ला दिया। हमने महिला क्रिकेट में कई खिलाड़ियों को  समान लिंग के लोगों के प्रति आकर्षित होते हुए और यहां तक कि समान-लिंग के व्यक्ति से ही शादी करते हुए भी देखा है लेकिन पुरुषों के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों में इससे पहले ऐसा एक भी उदाहरण देखने को नहीं मिला था। 

हालांकि, न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज हीथ डेविस ने हाल ही में ये खुलासा किया है कि वो समलैंगिक (Gay) हैं। उन्होंने ये चौंकाने वाला खुलासा 50 साल की उम्र में आकर किया है और इस खुलासे के साथ ही वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में केवल दूसरे समलैंगिक पुरुष क्रिकेटर बन गए हैं। डेविस न्यूजीलैंड के पहले पुरुष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बन गए हैं। डेविस से पहले इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर स्टीवन डेविस भी साल  2011 में समलैंगिक (Gay) के रूप में सामने आए थे।

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इस पूर्व कीवी तेज गेंदबाज ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि ऑकलैंड घरेलू क्रिकेट में हर कोई ये जानता था कि वो समलैंगिक हैं और वहां के लोगों ने इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाया और उसे किसी भी तरह से असहज महसूस कराया।

हीथ डेविस ने ऑनलाइन पत्रिका द स्पिनऑफ के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "मुझे लगा कि मेरे जीवन का ये हिस्सा था जिसे मैं छुपा रहा था। उसमें बहुत कुछ था, बस अपनी निजी जिंदगी को अलग रखना चाहता था। मैं अकेला था, मैं इसे दबा रहा था, मैं समलैंगिक जीवन नहीं जी रहा था। मुझे लगा कि मेरे जीवन का ये  हिस्सा था जिसे मुझे व्यक्त करने की ज़रूरत थी, मैं इसे छिपाने की कोशिश कर रहा था।"

उन्होंने आगे बताते हुए कहा, "ऑकलैंड में हर कोई जानता था कि मैं समलैंगिक हूं, लेकिन ये इतना बड़ा मुद्दा नहीं लगता था। मैं बस स्वतंत्र महसूस करता था।" आपको बता दें कि हीथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुपरस्टारडम हासिल नहीं कर सके और 1994 से 1997 के बीच केवल पांच टेस्ट और 11 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच ही खेल सके। इस दौरान उन्होंने क्रमशः 17 और 11 विकेट लिए। अगर आप ये जानना चाहते हैं कि वो अपना करियर आगे क्यों नहीं बढ़ा सके तो बता दें कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की लेकिन चोटों और विसंगतियों ने उनका करियर बर्बाद कर दिया।


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