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पूर्व कोच जॉन राइट का खुलासा, 2004 में पाकिस्तान दौरे के लिए धोनी को टीम में चाहते थे सौरव गांगुली लेकिन..

सौरव गांगुली जब भारतीय टीम के कप्तान थे तब वह भारत के 2004 में एतिहासिक पाकिस्तान दौरे के लिए महेंद्र सिंह धोनी को टीम में चाहते थे लेकिन विकेटकीपर-बल्लेबाज बहुत करीब से टीम में आने से चूक गए। इस बात

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MS Dhoni and Sourav Ganguly
MS Dhoni and Sourav Ganguly (Google Search)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Sep 03, 2020 • 04:28 PM

सौरव गांगुली जब भारतीय टीम के कप्तान थे तब वह भारत के 2004 में एतिहासिक पाकिस्तान दौरे के लिए महेंद्र सिंह धोनी को टीम में चाहते थे लेकिन विकेटकीपर-बल्लेबाज बहुत करीब से टीम में आने से चूक गए। इस बात का खुलासा टीम के उस समय के कोच जॉन राइट ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में किया।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
September 03, 2020 • 04:28 PM

तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए पार्थिव पटेल को चुना गया और पांच मैचों की वनडे सीरीज में राहुल द्रविड़ ने विकेटकीपिंग की।

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राइट ने आईएएनएस से कहा, "धोनी 2004 में पाकिस्तान दौरे के लिए लगभग टीम में आ ही गए थे। गांगुली उन्हें बड़ी शिद्दत से टीम में चाहते थे। वह सीमारेखा पर थे, और यह ऐसा फैसला था जो कहीं भी जा सकता था। लेकिन जैसा हुआ, हमने एक सफल टेस्ट टीम चुनी और धोनी उसमें नहीं थे।"

भारत ने 15 साल बाद पाकिस्तान में खेली गई टेस्ट सीरीज को 2-1 से जीता और वनडे सीरीज पर 3-2 से कब्जा जमाया।

2000 से 2005 तक टीम के कोच रहे राइट ने कहा, "यह वो समय था जब धोनी राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आने लगे थे। गांगुली उनके बारे में काफी अच्छी बातें कहते थे और जो भी युवा टीम में आता वो उसका हौसला बढ़ाते थे। लेकिन आप नहीं जानते कि चीजें कैसे किस तरफ करवट ले लें। मैंने तब धोनी के बारे में पहली बार सुना था।"

धोनी ने दिसंबर-2004 में बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में वनडे में पदार्पण किया। दिसंबर-2005 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ चेन्नई में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला।

यहां से धोनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बाद में चलकर वह देश के महानतम कप्तानों में से एक बने।

क्राइस्टचर्च से बात करते हुए राइट ने कहा, "और धोनी जल्दी ही खेल को पढ़ने लगे थे। यह एक अच्छे और रणनीतिकार कप्तान के लक्षण हैं। वह जाहिर तौर पर भारत के महानतम कप्तानों में से एक हैं। वह भारत के लिए शानदार रहे हैं। उनके रिकार्ड इसके बारे में बताते हैं।"

धोनी ने भारत के लिए 350 वनडे खेले हैं और 200 वनडे में टीम की कप्तानी की है। उनकी सफलता का प्रतिशत 55 रहा है। टी-20 मैचों में 98 बार देश का प्रतिनिधत्व किया है और इसमें से 72 मैचों में टीम की कमान संभाली है। यहां उनकी सफलता का प्रतिशत 58.33 रहा है। धोनी ने देश के लिए 90 टेस्ट मैच खेले जिसमें से 60 में कप्तानी की। यहां वह 45 फीसदी सफल रहे।

धोनी दुनिया के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी की सभी ट्रॉफियां- वनडे विश्व कप, टी-20 विश्व कप, चैम्पियंस ट्रॉफी जीती हैं और साथ ही टेस्ट में टीम को नंबर-1 बनाया है।

धोनी के साथ बिताए गए समय के बारे में जब राइट से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि धोनी के साथ उन्होंने कम समय बिताया लेकिन वह इस खिलाड़ी के इंटेलिजेंस से काफी प्रभावित थे।

उन्होंने कहा, "यह साफ था कि धोनी सिर्फ गिफ्टेड क्रिकेटर हैं बल्कि वह काफी चतुर भी हैं। वह काफी अच्छे से सभी की बात सुनते हैं। उन्होंने मेरे साथ पहली सीरीज में ज्यादा कुछ नहीं कहा था, लेकिन वो चीजों को देख रहे थे और सीख रहे थे। मैंने उस समय उनके बारे में सोचा था कि उनके सामने बड़ा भविष्य है।"

राइट से जब पूछा गया कि क्या धोनी जन्मजात कप्तान थे? तो उन्होंने कहा, "मैं यह फैसला नहीं कर सकता क्योंकि मैं वहां था नहीं। वह मेरे कोच रहते सिर्फ एक सीरीज खेले थे। मैंने बाद में जो सुना वो यह था कि उन्हें कप्तानी संभालने में कोई परेशानी नहीं आई वो भी तब जब टीम में काफी अनुभवी और सीनियर खिलाड़ी थे और वो सीनियर खिलाड़ी उनकी कप्तानी का सम्मान करते थे।"

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