भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, बॉक्सिंग-डे टेस्ट के तीसरे दिन 21 साल के नीतीश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) ने टीम इंडिया की नाक बचा ली। इस यंग ऑलराउंडर ने देश के लिए नंबर-8 पर बैटिंग करते हुए मेलबर्न में बवाल मचाया और दिन का खेल खत्म होने तक 176 बॉल का सामना करके नाबाद 105 रनों की पारी खेली। NKR की ये पारी कई मायनों में खास है, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपनी मेडन टेस्ट सेंचुरी जड़ते हुए उनकी काबिलियत पर सवाल करने वालों की भी बोलती बंद कर दी है।
दरअसल, एडिलेड टेस्ट में मिली हार और फिर गाबा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और पूर्व मुख्य चयनकर्ता रहे एमएसके प्रसाद ने नीतीश कुमार रेड्डी की जगह पर सवाल किया था। उन्होंने कमेंट्री करते हुए ये कहा था कि नीतीश कुमार रेड्डी ना ही पूरे बॉलर हैं और ना ही बैटर। इतना ही नहीं, उन्होंने ये तक कह दिया था कि रेड्डी अपनी स्किल्स से टीम इंडिया को कोई मैच नहीं जीता सकते। हालांकि उस समय MSK प्रसाद को ये अंदाजा नहीं था कि मेलबर्न में ये 21 साल का खिलाड़ी ही टीम इंडिया की लाज बचाने वाला है।
MSK Prasad “Nitish Kumar Reddy is creating confusion in Team India. He is not a complete batter and bowler and can’t win matches for the team with his skills. It would have been better to include specialist players.” (On air)
— Vipin Tiwari (@Vipintiwari952) December 28, 2024
pic.twitter.com/k10t6PGGFJ
एमएसके प्रसाद ने कहा था, 'नीतीश कुमार रेड्डी टीम इंडिया में कंफ्यूजन पैदा कर रहे हैं। वो पूर्ण बल्लेबाज और गेंदबाज नहीं हैं और अपनी स्किल्स से टीम को मैच भी नहीं जिता सकते। उनकी जगह किसी स्पेशलिस्ट प्लेयर को टीम में शामिल करना बेहतर होता।'