'मुझे ज़हर दिया गया, शाहिद अफरीदी ने 40-50 लाख रु दिए', इमरान नजीर ने खुलासे से हिला दी दुनिया
पाकिस्तान के पूर्व ओपनर इमरान नजीर ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि जब वो अपने करियर के पीक पर थे तब उन्हें ज़हर दिया गया था।
पाकिस्तान क्रिकेट में अक्सर कोई ना कोई खुलासा होता ही रहता है फिर चाहे वो पीसीबी प्रमुख के रूप में रमीज राजा को अचानक से बाहर निकालना हो या बाबर आज़म पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली कोई बेतरतीब महिला हो। पाकिस्तान क्रिकेट ने अर्श से लेकर फर्श तक सबकुछ देखा है। हालांकि, अब एक पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी ने ऐसा सनसनीखेज खुलासा किया है जिसने क्रिकेट जगत को हिला डाला है।
पाकिस्तान के पूर्व ओपनर इमरान नजीर ने एक हैरान करने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि जब वो अपने करियर के चरम पर थे तब उन्हें जहर दिया गया था। नजीर ने 1999 से लेकर 2012 के बीच पाकिस्तान के लिए 8 टेस्ट और 79 वनडे मैच खेले हैं। नज़ीर के इस खुलासे ने ना सिर्फ पाकिस्तान क्रिकेट बल्कि विश्व क्रिकेट में भूचाल ला दिया है।
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नादिर अली पॉडकास्ट पर बोलते हुए नज़ीर ने कहा, "जब मैंने हाल ही में एमआरआई और सारा इलाज कराया, तो एक बयान जारी किया गया जिसमें पता चला कि मुझे जहर दिया गया था। ये एक धीमा जहर है, ये आपके जोड़ों तक पहुंचता है और उन्हें नुकसान पहुंचाता है। 8-10 वर्षों तक, मेरे सभी जोड़ों का इलाज किया गया। मेरे सारे जोड़ खराब हो गए थे और इस वजह से मैं लगभग 6-7 साल तक पीड़ित रहा। लेकिन फिर मैंने भगवान से सिर्फ यही प्रार्थना की कि प्लीज मुझे बिस्तर पर मत लाना और शुक्र है कि ऐसा कभी नहीं हुआ।'
आगे बोलते हुए नजीर ने कहा, "मैं इधर-उधर घूमता था और जब लोग पूछते थे कि 'तुम ठीक दिख रहे हो' तो मुझे बहुत से लोगों पर शक था लेकिन मैंने कब और क्या खाया, मुझे पता नहीं चल पाया। क्योंकि ज़हर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं करता। ये तुम्हें सालों तक मारता है। जिसने भी ऐसा किया मैंने उसका कभी बुरा नहीं चाहा। बचाने वाला उससे बेहतर है जो मारना चाहता है।"
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नजीर ने कहा कि उनके कठिन समय के दौरान, शाहिद अफरीदी उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे और वो अफरीदी के हमेशा कर्जदार रहेंगे। नजीर ने आगे बताया, "मैंने अपने इलाज पर अपनी पूरी जिंदगी की बचत खर्च कर दी है। अंत में, एक आखिरी इलाज हुआ, जिसमें शाहिद अफरीदी ने मेरी बहुत मदद की। उन्होंने मेरी जरूरत के समय मेरी मदद की। जब मैं शाहिद भाई से मिला तो मेरे पास कुछ भी नहीं बचा था। एक दिन के भीतर, मेरे डॉक्टर को उनके खाते में पैसा आ गए थे। तब अफरीदी ने कहा, 'चाहे कितना भी पैसा चाहिए, मेरा भाई ठीक हो जाना चाहिए।' उन्होंने लगभग 40-50 लाख खर्च किए।"