भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव आज यानि 25 अक्तूबर के दिन अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। 25 अक्टूबर 1987 को जन्मे उमेश को करोड़ों फैंस उनके खास दिन पर शुभकामनाएं और बधाई दे रहे हैं। आज उमेश के ना सिर्फ भारत बल्कि विदेश में भी करोड़ों चाहने वाले हैं लेकिन सभी का चहेता बनने का सफर इतना आसान नहीं था। आइए आपको उनके संघर्षों की कहानी बताते हैं।
उमेश के पिता कोयले की खदान में काम किया करते थे। उमेश का बचपन काफी गरीबी में बीता लेकिन उनके पिता का सपना था कि वो या तो पुलिस में भर्ती हों या आर्मी के जरिए देश की सेवा करें लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उनके पिता अपने बेटे को ज्यादा नहीं पढ़ा सके लेकिन उमेश की किस्मत में कुछ और ही लिखा था। उमेश पर शुरू से ही क्रिकेट का भूत सवार था और यही दीवानगी उन्हें आगे ले आई।
अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत में वो टेनिस बॉल से खेला करते थे लेकिन उनके सपने बड़े थे इसलिए उन्होंने टेनिस बॉल को छोड़कर लेदर बॉल का दामन थामा और प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया। उनकी तेज़ गेंदबाजी ने जल्द ही उन्हें विदर्भ के लिए खेलने का मौका दे दिया। उमेश ने काफी संघर्ष के बाद 2008 में रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया और पहली ही पारी में उन्होंने दिखा दिया कि वो लंबी रेस के घोड़े हैं।