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आईपीएल 2020: कोरोना के कारण में  विदेशी क्रिकेटरों के साथ ऐसा करने को तैयार हैं टीमें 

नई दिल्ली, 17 मार्च| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजियां, सरकार की यातायात संबंधी चेतावनी के कारण विदेशी खिलाड़ियों को 14 दिन के लिए एकांतवास में रखने को तैयार हैं, लेकिन पहले वो खिलाड़ियों के वीजा मिलने का...

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Shane Watson CSK
Shane Watson CSK (BCCI)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Mar 17, 2020 • 07:29 PM

नई दिल्ली, 17 मार्च| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजियां, सरकार की यातायात संबंधी चेतावनी के कारण विदेशी खिलाड़ियों को 14 दिन के लिए एकांतवास में रखने को तैयार हैं, लेकिन पहले वो खिलाड़ियों के वीजा मिलने का इंतजार कर रही हैं।अभी तक सरकार ने कुछ विशेष देशों के लोगों की एंट्री को 31 मार्च तक के लिए स्थागित कर दिया है।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
March 17, 2020 • 07:29 PM

सरकार ने सोमवार को सूचना जारी की जिसके मुताबिक उसने यूएई, कतर, ओमान, कुवैत से आने वाले लोगों को कम से कम 14 दिन तक अनिवार्य रूप से एकांत में रहने की बात कही है।

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सूचना में साथ ही यूरोपियन यूनियन के सदस्य देशों, द यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन, तुर्की और ग्रेट ब्रिटेन के लोगों को भी भारत आने से रोकने की बात कही है।

सरकार ने मंगलवार को अफगानिस्तान, फिलिपिंस, मलेशिया से आने वाले लोगों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह अस्थायी उपाय हैं जो 31 मार्च तक लागू रहेंगे।
फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने आईएएनएस कहा कि टीमें अगर जरूरत पड़ी तो विदेशी खिलाड़ियों को 14 दिन का एकांतवास देने को तैयार हैं।

अधिकारी ने कहा, "हां, नई सूचना कुछ देशों से आने वाले लोगों के लिए 14 दिन तक अलग रहने की बात कहती है और अगर 31 मार्च तक यह फैसला कायम रहता है तो है यह मुद्दा नहीं होगा। अगर हमें सरकार से क्लीयरंस मिल जाती है और वीजा मिल जाते हैं तो खिलाड़ियों को एकांतवास देना बड़ा मुद्दा नहीं है। इस स्थिति में हम उन्हें अप्रैल के पहले सप्ताह में बुला लेंगे और 14 दिन तक एकांत में रखेंगे।"

अधिकारी ने कहा, "लेकिन पहले, विदेशी खिलाड़ियों को वीजा दिए जाने की जरूरत है और इसलिए हमें 31 मार्च तक का इंतजार करना होगा और देखना होगा कि सरकार क्या फैसला लेती है।"

एक आईपीएल अधिकारी जो सोमवार को कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान मौजूद थे, ने बताया कि टूर्नामेंट के भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया, लेकिन यह फैसला जरूर हुआ कि बैठक हर सप्ताह होगी और विदेशी खिलाड़ियों को मैदान पर उतारने से पहले उन्हें पांच दिन का ब्रेक दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो कोई फैसला नहीं लिया गया। इस बैठक के पीछे विचार फैसला लेना नहीं था बल्कि जो आम स्थिति है उसे और कोरोनावायरस किस तरह विश्व पर अपना असर डाल रहा है इसे समझना था। लेकिन एक चीज हमने की वो यह थी कि हम विदेशी खिलाड़ियों को मैच में खेलाने से पहले पांच दिन का ब्रेक देंगे।"

उन्होंने कहा, "लेकिन हमें यह समझना होगा कि सरकार कब यातायात को लेकर नियमों में ढिलाई बरतेगी और विदेशी खिलाड़ियों को आने देगी। जब तक सरकार नई सूचना जारी नहीं करती है तब तक विदेशी खिलाड़ियों को लाना असंभव है।"
 

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