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कपिल की वो जादुई पारी

कभी – कभी बल्लेबाज के द्वारा खेली गई कोई पारी मैच से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। 1983 वर्ल्ड कप में कपिल देव के द्वारा इंग्लैंड के ट्रेंट ब्रिज मैदान पर जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई 175 रनों की

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Kapil dev 175*
Kapil dev 175* ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jan 10, 2015 • 12:05 AM

कभी – कभी बल्लेबाज के द्वारा खेली गई कोई पारी मैच से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। 1983 वर्ल्ड कप में कपिल देव के द्वारा इंग्लैंड के ट्रेंट ब्रिज मैदान पर जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई 175 रनों की नाबाद पारी ऐसी ही एक पारी है जो मैच से ज्यादा कपिल देव की बल्लेबाजी के लिए क्रिकेट प्रेमियों के जहन में बस गई थी ।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
January 10, 2015 • 12:05 AM

दुर्भाग्य से कपिल देव के द्वारा खेली गई इस जादुई पारी का प्रसारण टीवी पर नहीं हो पाया था क्योंकि उस दिन बीबीसी के टेक्निकल टीम के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे जिससे मैच का प्रसारण नहीं हो पाया था।

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कपिल देव की इस पारी की अहमियत इतनी थी कि न सिर्फ भारत ने मैच को जीता बल्कि इससे पूरी टीम में एक नई ऊर्जा आई और आत्मविश्वास भी बढ़ा। 

जिम्बाब्वे के खिलाफ हुए मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। भारत की शुरूआत बेहद ही नाट्किय रही और 4 विकेट केवल 9 रन पर गिर गए तभी मैदान पर बल्लेबाजी करने आए भारतीय कप्तान कपिल देव । किसी को यकिन ही नहीं आया कि बेहद ही कमजोर मानी जाने वाली जिम्बाब्वे की टीम भारत के बल्लेबाजी क्रम की कमर तोड़ देगी । 17 रन पर पहुंचते – पहुंचते भारत के 5 विकेट गिर गए, मैच पूरी तरह से जिम्बाब्वें के कंट्रोल में था। इससे पिछले मैच में जिम्बाब्वे की टीम ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराकर सबको हैरत में डाल दिया था और भारत के खिलाफ भी सभी क्रिकेट प्रेमी ऐसा ही कयास लगाने लगे कि जिम्बाब्वे की टीम एक बार फिर कमाल करेगी। 

भारत के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज सुनील गवास्कर,श्रीकांत,यशपाल शर्मा,संदीप पाटिल,और मोहिंदर अमरनाथ के पहले ही पवैलियन पहुंच जाने से भारत की स्थिति बेहद ही डांवाडोल थी और ऐसा लग रहा था कि जिम्बाब्वे की टीम एक बार फिर कोई बड़ा उलट- फेर कर देगी।

भारत के लिए यह मैच बेहद ही महत्वपूर्ण था क्योंकि सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए इस मैच में जीत जरूरी थी। मैच में जिम्बाब्वे के गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजी पर पूरी तरह से हावी होते हुए नजर आने लगे और खासकर पीटर रॉसन औऱ केविन करण ने भारतीय बल्लेबाजों को बांध कर रख दिया। 

कपिल देव ने रोजर बिन्नी के साथ मिलकर 60 रनों की पार्टनरशिप करके विकटों के पतन पर थोड़ी देर के लिए ब्रेक तो लगा दिया पर बिन्नी को 22 रन पर जॉन ट्रिक्स ने एलबीडबल्यू आउट कर एक बार फिर से भारतीय टीम को संकट में ला दिया। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए रवि शास्त्री कोई कमाल नहीं कर पाए और केवल 1 रन बनाकर डंकन फ्लेचर का शिकार बने। मदन लाल ने कपिल देव के साथ मिलकर 62 रन जोड़े और भारत के स्कोर को आगे ले गए। मदन लाल भी केविन करण के शिकार बने और भारत का स्कोर 8 विकेट पर 140 रन हो गया। मैच भारत के पाले से बाहर जाता हुआ नजर  पड़ रहा था इसी वक्त बल्लेबाजी करने आए विकेटकीपर सैय्यद किरमानी।

सैय्यद किरमानी मैच को याद करते हुए एक साक्षात्कार में कहते हैं- “जब मदनलाल के आउट होने के बाद मैं बल्लेबाजी करने मैदान पर गया तो मैनें कपिल देव से कहा कि तुम अपना स्वाभाविक खेल खेलो, इस पर कपिल देव ने कहा कि हमको 60 ओवर खेलने हैं। मैनें कपिल देव से कहा कि मैं एक छोर से अपना बेस्ट देने की कोशिश करूंगा।“ 

कपिल देव और किरमानी ने भारतीय बल्लेबाजी को संवारने की जिम्मेदारी ली । किरमानी ने एंकर की तरह कपिल देव का साथ दिया तो वहीं कपिल देव अपने ही अंदाज में बल्लेबाजी करते रहे थे। कपिल देव ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए शानदार 175 रन की पारी केवल 138 गेंदों पर खेली जिसमें 16 चौके और 6 गगन चुंबी छक्के शामिल थे। कपिल देव की इस धमाकेदार पारी का ही नतीजा था कि एक तरफ जहां भारत का स्कोर 5 विकेट पर 17 रन था तो वहीं पारी के अंत तक कपिल देव के धमाके के बाद टीम का स्कोर 60 ओवरों में 266/8 हो गया। 266 रन के स्कोर में 66 फीसदी रन कपिल के बल्ले से ही बने थे।

266 रन के स्कोर को भारतीय गेंदबाजों ने बेहतरीन गेंदबाजी कर जिम्बाब्वे की टीम को लक्ष्य तक पहुंचने से रोक दिया। मदन लाल ने 3 विकेट 42 रन पर देकर और साथ ही रोजर बिन्नी ने 2 विकेट 45 रन पर देकर लिए जिससे  जिम्बाब्वे की टीम को 235 रन पर रोक पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कपिल देव ने भी 1 विकेट केवल 32 रन देकर लिए। 

भारत ने जिम्बाब्वे को 31 रन से हराकर मैच जीता टीम और टीम में नई ऊर्जा का संचार हुआ जिसके कारण ही भारत ने बेहद ही शानदार करते हुए वर्ल्ड कप 1983 की वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर कब्जा किया। 

मैच के बाद कपिल देव से पुछा गया कि आप थक गए हैं? इसके जबाव में कपिल देव ने कहा कि जीत की खुशी ने थकान को भुला दिया और जब आप अपने टीम के लिए उस मौके पर शतक और उससे ज्यादा रन बनाकर टीम को  मुश्किल दौर से निकालने में अहम किरदार निभाते हैं तो उसकी खुशी चार – गुना बढ़ जाती है।

कपिल देव की 175 रन की पारी वर्ल्ड कप में खेली गई सबसे बेहतरीन पारी में से एक के तौर पर याद किया जाता है तो वहीं वनडे क्रिकेट में खेली गई सबसे शानदार पारी के रूप में कपिल देव के इस पारी को अमल में लाया जाता है। यह भारतीय बल्लेबाज द्वारा वन डे में लगाया गया पहला शतक था और उस समय का सर्वाधिक निजी स्कोर भी। 

कपिल देव के इस पारी के बारे में भारत के महान बल्लेबाज सुनिल गवास्कर ने कहा – “ जब 20 रन के अंदर आधी टीम आउट होकर पवेलियन की शोभा बढ़ाती है तो वो बिल्कुल ही टीम के लिए अनुकूल समय नहीं होता है। लेकिन उस रोज कपिल देव ने आगे आकर टीम के लिए जो पारी खेली वो बेहद ही असाधारण था। 175 रन की नॉट आउट पारी कपिल देव की वर्ल्ड कप में खेली गई बेहतरीन पारियों में से एक है।“



विशाल /Cricketnmore
 

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