8 जुलाई, नई दिल्ली (CRICKETNMORE). भारत की टीम अपने नए हेड कोच अनिल कुंबले की कोचिंग में वेस्टइंडीज दौरे पर पहुंच गई है। जहां भारत की टीम 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। भारत की टीम 21 जुलाई को पहला टेस्ट मैच एंटीगुआ में खेलेगी। ऐसे में अनिल कुंबले के कंधे पर बुहुत बड़ी जिम्मेदारी होगी । लगभग 16 साल के बाद भारतीय क्रिकेट टीम में किसी देसी कोच को कोचिंग के लिए नियुक्त किया गया है। इससे पहले भारत के टीम के पास आखरी भारतीय कोच कपिल देव थे जिन्होंने 1999/2000 तक भारत के कोच पद पर रहे थे। "नाम है फुटसाल": कोहली का दिखा अलग अंदाज
अनिल कुंबले को 1 साल के लिए भारत का कोच बनाया गया है जिससे कुंबले के ऊपर खुद को साबित करने के लिए 1 साल का समय है। क्रिकेट फ्रैंस से लेकर भारतीय क्रिकेट पंडित को कुंबले से काफी उम्मीदें हैं। हेड कोच के रूप में कुंबले की शुरुआत होने जा रही है ऐसे में आईए जानते हैं पहले के कोचों ने अपने पहले सीरीज में क्या मुकाम पाया था। आईए एक नजर-
# कपिल देव (1999-2000): कपिल देव को भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद पर साल 1999 में बनाया गया था. कपिल देव के कोच बनने के समय भारत की कमान महान सचिन तेंदुलकर के हाथ में थी। अपने पहली ही इंटरनेशनल चैंलेंज में कपिल देव कुछ हद तक सफल रहे थे। मोहाली में खेले गए पहले ही टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की टीम पहली पारी में केवल 83 रन पर आउट हो गई लेकिन इसके जबाव में भारत के गेंदबाज ने भारत को मैच में वापसी कराई और न्यूजीलैंड की पहली पारी को 215 रन पर आउट कर दिया। भारत की टीम ने दूसरी पारी में कमाल का खेल दिखाया और द्रविड़ और तेंदलुकर के शतक के बदौलत स्कोर को 505 तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिससे पहला टेस्ट मैच ड्रा रहा था। इसके अलावा कानपुर में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत की टीम ने 8 विकेट से जीत दर्ज कर कपिल देव की कोचिंग में पहला टेस्ट मैच जीतने में कामयाब रही थी। तीसरा टेस्ट मैच में ड्रा रहा था। यानि कपिल देव के कोचिंग बननें के बाद पहली सीरीज में जीत प्राप्त करने में सफल रही थी। कपिल देव की कोचिंग में भारत की टीम का परफॉर्मेंस विदेशी जमीन पर बेहद ही खराब रहा था। अपने खेले भारत से बाहर 15 वनडे मैच में सिर्फ 3 मैच जीतने में भारत की टीम सफल हो पाई थी। तो वहीं टेस्ट क्रिकेट में भारत की टीम का परफॉर्मेंस बेहद ही खराब रहा था। 8 टेस्ट मैचों में भारत की टीम को सिर्फ 1 में जीत मिली थी तो वहीं 5 टेस्ट मैचों में हार का स्वाद चखना पड़ा था और 2 टेस्ट मैच ड्रा रहे थे। प्रैक्टिस मैच से पहले टीम इंडिया ने बॉलीबॉल का लुत्फ उठाया