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वो 3 खिलाड़ी जिनका करियर धोनी-कोहली की वजह से हुआ बर्बाद

आज हम उन तीन खिलाड़ियों की बात करेंगे जिनका करियर धोनी और कोहली की वजह से खत्म हो गया।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav August 06, 2022 • 15:27 PM
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Cricket Image for वो 3 खिलाड़ी जिनका करियर धोनी-कोहली की वजह से हुआ बर्बाद (Image Source: Google)
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एमएस धोनी और विराट कोहली भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करने वाले दो सबसे सफल कप्तान हैं। जहां रांची में जन्मे धोनी ने सफेद गेंद वाली क्रिकेट में एक शानदार कप्तानी का रिकॉर्ड बनाया, वहीं विराट कोहली ने सबसे लंबे प्रारूप (टेस्ट) में उसी कामयाबी को दोहराया। इन दोनोंं ने अपनी कप्तानी के दौरान कई खिलाड़ियों के करियर संवारने का काम किया लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी थे जिन्हें उतने मौके नहीं मिले जितने उन्हें मिलने चाहिए थे।

इसलिए इन दोनों की कप्तानी में इनके करियर एक तरह से बर्बाद हो गए। तो चलिए आज हम आपको उन तीन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं जिनके करियर धोनी और कोहली की वजह से बर्बाद हुए।

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1. मनोज तिवारी

मनोज तिवारी एक ऐसा नाम जिसने घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन इसके बावजूद उन्हें एमएस धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने लंबा रन नहीं दिया। सात साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में, मनोज तिवारी ने केवल 12 वनडे और तीन टी20 ही खेले। उन्हें जो भी सीमित अवसर मिले, उसमें उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और इस बात की गवाही उनके आंकड़े देते हैं। ये अफ़सोस की बात है कि मध्य क्रम का ये बल्लेबाज कभी भी राष्ट्रीय टीम में अपनी स्थिति को मजबूत नहीं कर सका।

2. अमित मिश्रा

इस बात से कोई भी क्रिकेट पंडित इनकार नहीं कर सकता कि अमित मिश्रा देश के सबसे उच्च श्रेणी के स्पिनरों में से एक हैं। हालांकि, मिश्रा को तीनों प्रारूपों में भारत के लिए केवल 68 मैच ही खेलने को मिले ये एक हैरान करने वाला आंकड़ा है। हरियाणा के इस लेग स्पिनर ने अप्रैल 2003 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और 22 टेस्ट, 36 वनडे और 10 टी20 खेले। इस दौरान भारत के लिए उनका आखिरी मैच फरवरी 2017 में था। उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी-20 फॉर्मैट में 76, 64 और 16 विकेट लिए।

दिलचस्प बात ये है कि अपनी आखिरी वनडे सीरीज में, मिश्रा ने प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का पुरस्कार भी जीता था, लेकिन इसके बावजूद वो धोनी और कोहली का विश्वास कभी नहीं जीत सके, जिसके चलते वो टीम इंडिया के लिए उतना नहीं खेल पाए जितना उन्हें खेलना चाहिए था।

3. मनीष पांडे

मनीष पांडे ने 24 वनडे पारियों में 566 रन बनाए और टी-20 फॉर्मैट में भारत के लिए 33 पारियों में 709 रन बनाए। वनडे और टी-20 में में उनका औसत क्रमशः 33.29 और 44.31 का रहा लेकिन इसके बावजूद ये खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए लंबी रेस का घोड़ा नहीं साबित हुआ। यहां तक ​​कि जब वो भारतीय टीम का हिस्सा थे, तब भी उन्हें दोनों कप्तानों ने बेंच पर बिठाए रखने का काम किया।

ऐसे में अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो आप पाएंगे कि अगर इन तीनों खिलाड़ियों को बाकी खिलाड़ियों जितने मौके दिए गए होते तो शायद आज इनके करियर बर्बाद नहीं बल्कि संवरे होते।


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