एमपीसीए क्रिकेट समिति ने कोच चंद्रकांत पंडित की नियुक्ति पर लिया यू-टर्न, सदस्य हैरान
नई दिल्ली, 30 जुलाई | हालिया दौर में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर बीसीसीआई में तमाम तरह की असमंजस देखी गई हैं और अब राज्य संघ में भी यह देखने को मिल रही है। ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश क्रिकेट
नई दिल्ली, 30 जुलाई | हालिया दौर में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर बीसीसीआई में तमाम तरह की असमंजस देखी गई हैं और अब राज्य संघ में भी यह देखने को मिल रही है। ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) का है जहां क्रिकेट समिति और अधिकारियों के बीच मामला फंस गया है।
क्रिकेट समिति ने कुछ दिन पहले नियुक्त किए गए टीम के मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित की नियुक्ति को लेकर यू-टर्न ले लिया है और उसकी वैद्यता पर सवाल खड़े किए हैं। पंड़ित इससे पहले विदर्भ के कोच थे और उन्होंने टीम को दो बार रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया है।
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मामले से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा कि अभी तक सब कुछ सही चल रहा था लेकिन किसी ने क्रिकेट समिति को गुमराह किया है और तब से मामला बिगड़ गया।
सूत्र ने आईएएनएस से कहा, "सब कुछ अभी तक ठीक चल रहा था। मुख्य कोच के प्रदर्शन को लेकर क्रिकेट समिति से कई अच्छी चर्चाएं हुई हैं। उनका अचानक से चीजों को गलत बताना, हैरान करने वाला है। साफ तौर पर उन्हें किसी ने गुमराह किया है, लेकिन इससे चीजों को सही नहीं ठहराया जा सकता।"
क्रिकेट समिति का कहना है कि क्रिकेट संबंधित प्रशासन के फैसले भी उनके कार्यक्षेत्र में आते हैं जबकि अधिकारियों का कहना है कि अगर ऐसा है तो उनका कोई काम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के मामलों में शमिल कानूनी अधिकारियों का मानना है कि क्रिकेट समिति साफ तौर पर अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जा रही है।
एमपीसीए की क्रिकेट समिति का चुनाव उसकी जनरल बॉडी ने किया था और आईएएनएस से पास मौजूद कागजात के मुताबिक, मुख्य कोच की नियुक्ति के समय न सिर्फ उनसे सलाह ली गई थी बल्कि वह सीनियर, अंडर-23, अंडर-19 आयु समूह के संयुक्त कैम्प की रणनीति का भी हिस्सा थे और इस कैम्प का प्रस्ताव पंडित ने ही रखा था।
पंडित को बाकी विकल्पों में से चुनने और शुरुआत में उनके सुझावों पर काम करने के बाद क्रिकेट समिति का अब जो रुख है उससे सदस्य लोग हैरान हैं और अब उन्हें गैरपेशेवर लोगों को तौर पर देखा जा रहा है।
सीनियर सदस्य ने आईएएनएस से कहा, "हमने कागज देखे हैं और जो बातें हुई हैं उन्हें देखा है इसलिए उनकी एप्रोच और बदले रुख को देखकर हैरान हैं। वह गैरपेशेवर, विश्वास न कर पाने और झगड़ालू जैसा व्यवहार कर रहे हैं। इस तरह कोई संगठन नहीं बनता। उन्हें इसके लिए जनरल बॉडी के सामने जवाब देना होगा।"
जब इस संबंध में बीसीसीआई अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा, "जब कोई पंडित के मुख्य कोच की नियुक्ति पर सवाल खड़े करता है तो वह खेल की तौहिन कर रहा है। पंडित की उपलब्धियां उनके बारे में काफी कुछ बोलती हैं। कोई भी संघ उनको अपने साथ जोड़ने को लेकर गर्व महसूस करेगी। मुझे लगता है कि उनकी क्रिकेट समिति को ज्यादा जानकारी नहीं है क्योंकि वह एक ऐसे महान फैसले पर सवाल उठा रहे हैं जिसका श्रेय उन्हें लेना चाहिए।"
एमपीसीए ने पंडित के साथ दो साल का करार किया है।