स्पिनर प्रवीण तांबे ने किया इस CPL टीम द्वारा खरीदे जाने का दावा,लेकिन फ्रेंचाइजी अनजान
नई दिल्ली, 29 जून। राजस्थान रॉयल्स के स्पिनर प्रावीण तांबे को लेकर एक असमंजस सी स्थिति बन गई है। 48 साल के तांबे ने हाल ही में दावा किया है कि उन्हें कैरिबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) की त्रिनिबागो नाइट राइडर्स
नई दिल्ली, 29 जून। राजस्थान रॉयल्स के स्पिनर प्रावीण तांबे को लेकर एक असमंजस सी स्थिति बन गई है। 48 साल के तांबे ने हाल ही में दावा किया है कि उन्हें कैरिबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) की त्रिनिबागो नाइट राइडर्स ने अगले सीजन के लिए खरीद लिया है, लेकिन लीग के आयोजकों के साथ फ्रेंचाइजी ने साफ कर दिया है कि इस समय खिलाड़ी संबंधी किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है।
फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि खिलाड़ियों के ड्राफ्ट को लेकर इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है।
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अधिकारी ने कहा, "सीपीएल इस समय खिलाड़ियों से संबंधित कोई घोषणा नहीं कर रही है।"
अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या खिलाड़ी से सीधा संपर्क हुआ है तो अधिकारी ने कहा कि इस बात की पुष्टि फ्रेंचाइजी से ही करनी होगी। उन्होंने कहा, "यह टीकेआर का सवाल है।"
आईएएनएस ने जब फ्रेंचाइजी से संपर्क किया तो अधिकारी ने कहा कि फ्रेंचाइजी इस बात पर तभी टिप्पणी कर सकती है जब वह मामले को पूरी तरह से जान लेगी।
अधिकारी ने कहा, "सीपीएल को खिलाड़ियों से संबंधित पुष्टि करनी है। हम तांबे को लेकर तभी कुछ कह सकते हैं जब हमें उस मामले में पुष्टि मिल जाएगी।"
एक ओर जहां सीपीएल और फ्रेंचाइजी को अभी तक घोषणा करना बाकी है वहीं तांबे ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि त्रिनिबागो नाइट राइडर्स ने उन्हें खरीद लिया है।
उन्होंने कहा, "मैं फिट हूं और चूंकि बीसीसीआई मुझे टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने की मंजूरी नहीं देगी तो मैं दूसरी लीगों में क्यों नहीं खेलूं। मैं बाहर खेलने के लिए योग्य हूं और मुझे त्रिनिबागो ने खरीदा है। मैं वहां जाने से पहले सभी तरह की सावधानियां बरतूंगा और प्रोटोकॉल्स का पालन करूंगा।"
आईएएनएस ने जब तांबे से इस मसले पर बात की तो उन्होंने कहा कि वह इस पर बात करने की स्थिति में नहीं है। तांबे को सीपीएल में खेलने के लिए एनओसी लेने के लिए संन्यास लेना होगा तभी वह बीसीसीआई के सामने अपना मामला रख पाएंगे।
आईएएनएस से बात करते हुए बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है कि खिलाड़ी अब खेल से नहीं बल्कि देश से संन्यास ले रहे हैं।