विजय हजारे ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ का बल्ला जमकर गरजा है। पृथ्वी शॉ का तूफान उत्तर प्रदेश के खिलाफ फाइनल मुकाबले में भी आया और उन्होंने महज 39 गेंदों पर 187.18 की स्ट्राइक रेट से 73 रन ठोक डाले। पृथ्वी शॉ ने फाइनल मुकाबले से पहले विजय हजारे ट्रॉफी के 7 मैच की 7 पारियों में 188.50 की औसत से 754 रन बनाए थे।
विजय हजारे ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ द्वारा नाबाद 105, नाबाद 227, नाबाद 185 और 165 रनों का शानदार पारी खेली गई है। फाइनल मुकाबले की पारी को मिलाकर पृथ्वी शॉ के अब विजय हजारे ट्रॉफी में 800 से भी ज्यादा रन हो गए हैं और वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं। इस वक्त जिस फॉर्म में पृथ्वी हैं उसको देखकर ऐसा लगता है कि हो ना हो इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में चयनकर्ताओं को उनके नाम पर विचार करना ही चाहिए।
अगर चयनकर्ता वनडे सीरीज में पृथ्वी शॉ को मौका नहीं देते हैं तो हो ना हो वो इस खिलाड़ी के साथ नाइंसाफी होगी। क्रिकेट जगत में अक्सर यह बात कही भी जाती है कि जब कोई खिलाड़ी ताबड़तोड़ फॉर्म में हो तो उसे ज्यादा से ज्यादा मौके मिलने चाहिए ताकि वो अपनी प्रतिभा के साथ इंसाफ करने के अलावा टीम की जीत में भी अहम भूमिका निभा सके।
Prithvi Shaw - Unstoppable!
— CRICKETNMORE (@cricketnmore) March 14, 2021
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