VIDEO: बेंगलुरु अकैडमी में बच्चों ने दिया राहुल द्रविड़ को ग्रैंड वेलकम, VIDEO देखकर बन जाएगा दिन
टी-20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने के बाद जब राहुल द्रविड़ बेंगलुरु स्थित अकैडमी में पहुंचे तो वहां मौजूद कोचिंग स्टाफ और बच्चों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ अपने क्रिकेट करियर के दौरान खिलाड़ी के रूप में तो वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए लेकिन अपने कोचिंग करियर के अंत से पहले उन्होंने कोच के रूप में टी-20 वर्ल्ड कप जरूर जीत लिया। टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद राहुल द्रविड़ जब भारत लौटे तो वो जहां भी गए उन्हें जोरदार स्वागत मिला।
जब द्रविड़ अपने गृहनगर बेंगलुरु में एक क्रिकेट अकैडमी में गेस्ट बनकर पहुंचे तो वहां मौजूद कोचिंग स्टाफ और छोटे बच्चों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर द्रविड़ का जोरदार स्वागत किया। इस समय सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि जैसे ही पूर्व भारतीय कोच अकैडमी में एंटर होते हैं उन्हें फूलों का गुलदस्ता दिया जाता है।
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जबकि छोटे बच्चों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया और बधाई दी। द्रविड़ ने भी छोटे बच्चों से हाथ मिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। आपको बता दें कि भारतीय टीम को टी-20 वर्ल्ड कप 2024 जिताकर टीम के मुख्य कोच के रूप में द्रविड़ ने अपना कार्यकाल समाप्त किया। कर्नाटक में जन्मे द्रविड़ पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के कारण टीम के साथ अपने अनुबंध को नवीनीकृत नहीं करना चाहते थे और उन्होंने टूर्नामेंट से पहले इसकी घोषणा कर दी थी।
Rahul Dravid receiving a hero's welcome and a guard of honour from young kids at a cricket academy in Bengaluru.
— Johns (@JohnyBravo183) July 8, 2024
What a lovely moment pic.twitter.com/vUWqxnDUhB
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इस बीच, मिड-डे के लिए हाल ही में लिखे गए कॉलम में, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने द्रविड़ को भारत रत्न दिए जाने की भी वकालत कर डाली। उन्होंने कहा, "ये उचित होगा यदि भारत सरकार उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करे, क्योंकि वो वास्तव में ऐसे ही रहे हैं। देश के महान खिलाड़ी और कप्तान, जिन्होंने वेस्टइंडीज में प्रसिद्ध सीरीज जीती, जब वहां जीत का वास्तव में कुछ मतलब था और इंग्लैंड में जीत भी, वो केवल तीन भारतीय कप्तानों में से एक थे जिन्होंने वहां टेस्ट मैच सीरीज जीती, राष्ट्रीय क्रिकेट अकैडमी के अध्यक्ष की अपनी प्रारंभिक भूमिका और फिर वरिष्ठ टीम के कोच के रूप में एक अद्भुत प्रतिभा संवारने वाले खिलाड़ी को ये पुरस्कार जरूर दिया जाना चाहिए।"