इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के आखिरी मैच से ऋषभ पंत बाहर हो गए हैं और उन्होंने टीम से बाहर होने से पहले अपने साथियों को एक स्पेशल मैसेज दिया है। मैनचेस्टर टेस्ट की पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए पंत के पैर में पहले दिन गेंद लग गई थी और उनके पैर की अंगुली में फ्रैक्चर हो गया था। भारतीय उप-कप्तान ने दर्द से लड़ते हुए अगले दिन बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे, जहां उनकी काफी तारीफ हुई।
उन्होंने पहली पारी में 54 रन बनाए, जो अंत में अहम साबित हुआ। पंत चोट के कारण आखिरी मैच से बाहर हो गए हैं और टीम छोड़ने से पहले, भारतीय उप-कप्तान ने अपनी टीम से देश के लिए मैच जीतने का आग्रह किया। पंत ने कहा, "मैं अपनी टीम को बस यही संदेश देना चाहता हूं कि चलो इसे जीतते हैं, दोस्तों। चलो इसे देश के लिए करते हैं।"
पंत ने कहा कि चोट के बावजूद मैदान पर आकर बल्लेबाजी करने का उनका साहस उनकी तरफ से एक इशारा था कि टीम को जिताने और अपने निजी लक्ष्यों से आगे रखने के लिए जो भी करना पड़े, वो करेंगे। पंत ने कहा, "मेरी तरफ से बस एक जेस्चर। निजी लक्ष्य के बारे में सोचने के बजाय टीम को जिताने या टीम को आगे बढ़ाने के लिए जो भी करना पड़े, वो मेरे लिए था। निश्चित रूप से, जिस तरह से उन्होंने मेरा समर्थन किया, वो अद्भुत रहा है। टीम दबाव में है। सब कुछ होता है, लेकिन जब पूरा देश एक ही मकसद के लिए आपके पीछे खड़ा हो, तो ये कुछ खास होता है। उस भावना को बयां करना मुश्किल है, मुझे अपने देश का प्रतिनिधित्व करने पर कितना गर्व है।"