'बस ड्राइवर' बना श्रीलंका का चैंपियन गेंदबाज, वीरेन्द्र सहवाग के साथ 2010 में की थी बेईमानी
श्रीलंका के ऑफ स्पिनर सूरज रणदीव, जो श्रीलंका की विश्व कप 2011 टीम का हिस्सा थे, अब ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवर के रूप में काम कर रहे हैं। अपना जीवन यापन करने के लिए सूरज रणदीव संघर्ष कर रहे हैं।
श्रीलंका के ऑफ स्पिनर सूरज रणदीव, जो श्रीलंका की विश्व कप 2011 टीम का हिस्सा थे, अब ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवर के रूप में काम कर रहे हैं। अपना जीवन यापन करने के लिए सूरज रणदीव संघर्ष कर रहे हैं। सूरज के अलावा, एक अन्य श्रीलंका के खिलाड़ी चिन्तका नमस्ते भी जीवन यापन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में ड्राइवर की नौकरी कर रहे हैं।
खबरों की मानें तो सूरज रणदीव मेलबर्न में ट्रांसदेव कंपनी के साथ जुड़े हैं और ड्राइवरी का काम कर रहे हैं। सूरज स्थानीय क्रिकेट क्लबों के लिए खेलते हैं लेकिन उन्हें आर्थिक तंगी के चलते ऑस्ट्रेलिया में एक अलग करियर मार्ग चुनना पड़ा। ट्रांसदेव एक कंपनी है जो विभिन्न व्यवसायों से 1200 ड्राइवरों को नियुक्त करती है।
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सूरज ने हाल ही में भारत के खिलाफ चार मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की तैयारी में ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की मदद की थी। इस सीरीज को भारत ने 2-1 से जीता था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने उन्हें मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में टेस्ट मैच के लिए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को अभ्यास करने में मदद करने के लिए बुलाया था। सूरज रणदीव को दूसरे टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले नेट में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को गेंदबाजी करते हुए देखा गया था।
बता दें कि सूरज रणदीव ने 12 टेस्ट में 43 और 31 वनडे में 36 विकेट लिए हैं। सूरज को 2010 के उस वनडे मैच के लिए याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने बेइमानी कर सहवाग का शतक रोका था। दरअसल, हुआ यूं कि सहवाग 99 पर बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन सहवाग का शतक पूरा न हो इसके लिए रणदीव ने खेल भावना को ताक पर रखते हुए अगली गेंद नो बॉल फेंक दी थी। हालांकि, बाद में उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी थी।