विकेट लेने के लिए मेहनत करनी पड़ी : जडेजा
Rohit Sharma: राजकोट, 18 फरवरी (आईएएनएस) भारत की इंग्लैंड के खिलाफ 434 रन की शानदार जीत में अपने हरफनमौला प्रदर्शन से प्लेयर ऑफ द मैच बने आलराउंडर रवींद्र जडेजा ने रविवार को कहा कि इस विकेट पर आपको आसानी से
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राजकोट, 18 फरवरी (आईएएनएस) भारत की इंग्लैंड के खिलाफ 434 रन की शानदार जीत में अपने हरफनमौला प्रदर्शन से प्लेयर ऑफ द मैच बने आलराउंडर रवींद्र जडेजा ने रविवार को कहा कि इस विकेट पर आपको आसानी से विकेट नहीं मिलेंगे, यहां आपको मेहनत करनी होगी। आपको विकेट लेने के लिए मेहनत करनी होगी, सही एरिया में गेंद करनी होगी।
मैच के बाद जडेजा ने प्रेजेंटेशन में कहा ,''हम 33 पर तीन थे तो जब मैं आया तो मैंने रोहित के साथ साझेदारी बढ़ाने की सोची। यह मुश्किल स्थिति थी, मैं बस अपनी ताकत पर विश्वास कर रहा था, अपने शॉट खेल रहा था, अधिक कुछ नहीं सोच रहा था।''
मैच में शतक बनाने और कुल सात विकेट लेने वाले जडेजा ने कहा,''इस विकेट के बारे में मैं जानता हूं, जब पहले बल्लेबाजी होती है तो गेंद अच्छे से बल्ले पर आती है लेकिन बाद में गेंद टर्न लेती है। जब रोहित ने टॉस जीता तो मुझे बहुत अच्छा लगा।''
मैच की दूसरी पारी में नाबाद दोहरा शतक बनाने वाले यशस्वी जायसवाल ने कहा,'' मैं बस कोशिश कर रहा था ...जब भी मैं सेट हो जाऊं, तो बड़ा स्कोर बनाऊं। क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में आप कभी नहीं जानते, जब आप अच्छा खेल रहे हों तो आपको इसे बड़ा करना होगा। (इस दोहरे शतक के विभिन्न चरण) यह मेरे लिए काफी मुश्किल था क्योंकि शुरुआत में मैं रन नहीं बना पा रहा था। इसलिए सेशन खेलना पड़ा और सेट होना पड़ा। तभी मुझे लगा कि मैं रन बना सकता हूं। थोड़ी देर बाद मेरी पीठ ठीक नहीं थी। मैं बाहर जाना नहीं चाहता था लेकिन क्योंकि दर्द बहुत ज्यादा था और मैं बाहर चला गया।''
जायसवाल ने कहा,''आज जब मैं आया, तो मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं खेल को आगे ले जाऊं और अंत तक बल्लेबाजी करूं। मुझे लगा कि विकेट में कुछ है। मेरे लिए, टीम को अच्छी शुरुआत देना महत्वपूर्ण था इसलिए मेरे लिए लंबे समय तक खेलना महत्वपूर्ण था।मैं खुद से कहता हूं कि जब भी मैं सेट हो जाता हूं, मुझे अच्छा स्कोर बनाने की जरूरत है क्योंकि आप कभी भी आउट हो सकते हैं। मेरे सीनियर्स ने इस बारे में मुझे समझाया है। जिस तरह से रोहित भाई और जड्डू भाई ने खेला, उसने मुझे बहुत प्रेरित किया। उनके जुनून ने मुझे सत्र दर सत्र खेलने के लिए प्रेरित किया। मैंने डगआउट के अंदर सोचा कि मैं कब जाऊंगा वहां मुझे भी इस तरह खेलना है। लेकिन मैंने सोचा कि जब मैं वहां हूं तो मुझे अपना 100 प्रतिशत देना होगा।''